43 साल मैंने कांग्रेस की सेवा की और पार्टी ने मेरा अपमान किया, इसलिए दे रहा हूं इस्तीफा : गिरिधर गमांग
भुवनेश्वर : अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को 1999 में एक वोट से गिराने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ओडिशा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरिधर गमांगने आज कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. वे लंबे समय से पार्टी पर खुद की उपेक्षा का आरोप लगा रहे थे. उनकी यह भी शिकायत थी कि चुनाव […]
भुवनेश्वर : अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को 1999 में एक वोट से गिराने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ओडिशा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरिधर गमांगने आज कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. वे लंबे समय से पार्टी पर खुद की उपेक्षा का आरोप लगा रहे थे. उनकी यह भी शिकायत थी कि चुनाव में उनके लोगों को टिकट नहीं दिया गया.ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और नौ बार सांसद रहे गिरधर गमांग ने आज कांग्रेस पार्टी को छोडने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि जिस पार्टी की उन्होंने 43 साल सेवा की उसी ने उनका अपमान किया.
गमांग ने यहां पत्रकारों से कहा, मैंने अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को भेज दिया है. जब 1999 में वाजपेयी सरकार एक वोट से गिर गई थी तब से मैं अपमानित किया जा रहा हूं और मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है. उस समय मैंने व्हिप के चलते वाजपेयी सरकार के खिलाफ वोट किया था इसके बावजूद पार्टी कभी भी मेरे बचाव में खडी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने किसी और पार्टी में शामिल होने के बारे में निर्णय नहीं लिया है.
गमांग ने कहा, कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद उसमें वापस आने का सवाल ही नहीं उठता है. सोनिया को लिखे पत्र में गमांग ने कहा, भारी मन और गहरे दु:ख के साथ मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूं. कृपया इसे स्वीकार करें. गमांग ओडिशा की कोरापुट सीट से 1972 से लगातार आठ बार लोकसभा के सदस्य रहे. वर्ष 2004 में वह उसी सीट से नौंवी बार सांसद बने. वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे. वह 1999 में ओडिशा के मुख्यमंत्री भी रहे.