किसानों की जमीन हथियाने की नरेंद्र मोदी को गजब की जल्दी है : राहुल गांधी
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री तीसरी बार भूमि अध्यादेश को फिर से लागू करने का फैसला करके गरीब किसानों की जमीन ‘हथियाने’ के लिए ‘गजब की जल्दी’ में हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मोदी जी गरीब किसानों से […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री तीसरी बार भूमि अध्यादेश को फिर से लागू करने का फैसला करके गरीब किसानों की जमीन ‘हथियाने’ के लिए ‘गजब की जल्दी’ में हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मोदी जी गरीब किसानों से किसी भी कीमत पर जमीन हथियाने के लिए गजब की जल्दी में हैं. तीसरी बार किसान विरोधी भूमि अध्यादेश पर जोर दिया जा रहा है.’
Modi ji in an amazing hurry to grab land from poor farmers at any cost. A 3rd attempt at pushing the anti farmer Land Ordinance! (1/2)
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 30, 2015
Congress Party will continue to fight for the rights of the kisan and mazdoor against this #suitbootkisarkar: Rahul Gandhi (2/2)
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 30, 2015
उन्होंने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस पार्टी सूट-बूट की सरकार के खिलाफ किसान और मजदूरों के अधिकारों के लिए लडाई जारी रखेगी.’ राहुल की इस प्रतिक्रिया से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बैठक में विवादास्पद भूमि अध्यादेश को तीसरी बार फिर से जारी करने की सिफारिश की थी. 2013 में संप्रग सरकार के शासनकाल में पारित हुए भूमि अधिग्रहण विधेयक के पीछे राहुल की सोच शामिल रही थी.
संप्रग सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने संयुक्त समिति में होने वाली कवायद का मजाक उडाया है जिसने कल ही पहली बैठक की थी. उन्होंने कैबिनेट के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि यह काला अध्यादेश समिति के महत्व को कमजोर करेगा. रमेश ने कहा कि इस कदम से यह संदेश जाता है कि मोदी सरकार नमो (नो एक्ट, मेक आर्डिनेंस) में भरोसा रखती है.
रमेश ने प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी नये घटनाक्रम के मद्देनजर इस मुद्दे पर एक बार फिर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से संपर्क साधने के सुझाव पर विचार करेगी. कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अलग से बोलते हुए कैबिनेट के फैसले को न्याय का मजाक और संसद का अपमान करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘यह संसद का अपमान है जिसने अपनी मुहर नहीं लगाई थी. प्रधानमंत्री का दोहरापन उजागर हो गया क्योंकि उन्होंने कल ही कहा था कि उनकी सरकार किसान विरोधी भूमि अध्यादेश पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है.’ सुरजेवाला ने मांग की कि सरकार को इस कदम से बचना चाहिए और अपने विनाशकारी मनसूबे के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.