इंदौर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने असामाजिक तत्वों और बदमाशों पर पुलिस की सख्ती पर मानवाधिकार की बात करने वाले लोगों पर बरसते हुए कहा कि आम आदमी के मानवाधिकारों का हनन करने वाले असमाजिक तत्वों के मानवाधिकारों की परवाह करने की क्या आवश्यकता है, बल्कि आज के दौर में मानवाधिकारों को नये सिरे से परिभाषित करने की जरुरत है.
शिवराज ने कल रात यहां प्रेस क्लब द्वारा आयोजित दो दिवसीय भाषाई पत्रकारिता महोत्सव के शुभारंभ समारोह में कहा, बदमाशों पर पुलिस की सख्ती पर मानवाधिकार संगठन मीडिया में मानवाधिकारों के हनन का हल्ला मचाने लगते हैं. मैं कहता हूं जो दूसरों के मानवाधिकारों की चिंता नहीं कर घृणित अपराध करते हैं, वह मानव कहलाने के ही लायक नहीं है, तो ऐसे लोगों के मानवाधिकारों की परवाह हम क्यों करें.
उन्होंने असामाजिक तत्वों के मानवाधिकारों की बात करने वाले लोगों को आडे हाथों लेते हुए मजाक किया, अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण के लिये पुलिस क्या थानों में बदमाशों की आवभगत करे और उनकी आरती उतारे. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की हिमायत करते हुए कहा कि लातों के भूत, बातों से नहीं मानते.
उन्होंने कहा कि आज के दौर में मानवाधिकार को नए सिरे से परिभाषित करने की जरुरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को दिशा देने का काम मीडिया करता है. मीडिया आम आदमी का दर्द समझता है और उसे सरकार के सामने रखता है.
उन्होंने कहा कि मीडिया और राजनीति के लोग आम आदमी से जुडकर ही सफल हो सकते हैं. हमें अपनी आलोचनाओं से डरना नहीं चाहिये, बल्कि उससे सीख लेकर अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिये. समारोह में पत्रकार रजत शर्मा, अध्यात्मिक संत भय्यू महाराज, इंडिया टीवी के संपादक हेमंत शर्मा और हिन्दुस्तान के संपादक प्रताप सोमवंशी भी उपस्थित थे.