चिंतागुफा (छत्तीसगढ़) : नक्सलियों को विकास के लिए बाधा बताते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि शिकायत जाहिर करने के लिए हिंसा कोई रास्ता नहीं है और केंद्र शांति सुनिश्चित करने के लिए कोई भी सख्त रुख अख्तियार करने के लिए तैयार है. बस्तर के घने जंगल में स्थित सीआरपीएफ के इस शिविर का दौरा करने वाले प्रथम केंद्रीय गृह मंत्री सिंह ने सुरक्षा बलों को अपनी कोशिश में केंद्र सरकार की ओर से पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया.
उन्होंने यहां अद्धैसैनिक बल के जवानों को संबोधित करते हुए कहा, आप देश के लिए लड़ रहे हैं और आप जीतेंगे. हम पूरी मजबूती से आपके साथ हैं. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के इस अगम्य हिस्से को भाकपा (माओवादी) का अड्डा माना जाता है और सुरक्षा बलों ने विद्रोहियों की हिंसा के चलते पिछले पांच साल में कम से कम 200 कर्मियों को खोया है.
जिले के दोरनापाल में एक किलेबंद पुलिस थाने का उद्घाटन करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में खून खराबा के लिए कोई जगह नहीं है और माओवादियों से हिंसा छोडने की अपील की. सिंह ने कहा, एक लोकतंत्र में किसी के पास शिकायतें होना स्वाभाविक है. लेकिन शिकायतें जाहिर करने के लिए कई तरीके हैं. हिंसा कोई रास्ता नहीं है, न ही यह स्वीकार्य है. गृहमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का एकमात्र उद्देश्य विकास है और यह लक्ष्य हासिल करने के लिए सारी मुश्किलों को पार करने को तैयार है.
उन्होंने कहा, शांति और विकास होना चाहिए. हम शांति और विकास लाने के लिए कोई भी सख्त रुख अख्तियार करने को तैयार हैं. इससे पहले सुकमा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि राज्य के युवा किसी से निपटने में सक्षम हैं और उन्हें मौका दिया जाना चाहिए.
गृहमंत्री ने कहा, मैं सुकमा के लोगों से अपने बेटे बेटियों को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह करता हूं. वे उन लोगों को आसानी से चुनौती दे सकते हैं जो मुंबई, कोलकाता या बेंगलूर जैसे महानगरों से हैं. प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. उन्हें सिर्फ अवसरों की जरुरत है. गृहमंत्री ने एक वोकेशनल प्रशिक्षण केंद्र, एक जन सेवा केंद्र और बच्चों के लिए एक विशेष स्कूल का दौरा किया. सुकमा जिले के सर्वांगीण विकास के लिए उन्होंने रमण सिंह सरकार की सराहना की. इसे देश के सर्वाधिक पिछडे जिलों में एक माना जाता है.