आदर्श घोटाले में शिंदे को क्लीनचिट
मुंबई : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) ने आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को आज पाक साफ बताया.जांच एजेंसी ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह पता चलता हो कि शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहने के दौरान जनसेवक के रूप में अपने पद का […]
मुंबई : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) ने आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को आज पाक साफ बताया.जांच एजेंसी ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह पता चलता हो कि शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहने के दौरान जनसेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया.
सीबीआई ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वातेगांवकर के आवेदन के जवाब में एक हलफनामा दायर कर यह जवाब दिया. प्रवीण ने मांगकी थी कि शिंदे को इस मामले में बतौर आरोपी शामिल किया जाए क्योंकि दक्षिण मुंबई की 31 मंजिली आदर्श इमारत में उनका बेनामी फ्लैट है.हलफनामे में कहा गया गया है,सीबीआई अपनी वर्तमान जांच में सुशील कुमार शिंदे को बतौर आरोपी शामिल करने को कानूनी रुप से जरुरी नहीं महसूस करती.
वातेगांवकर के आवेदन के अनुसार शिंदे ने ही दिवंगत मेजर एन डब्ल्यू खानखोजे को आदर्श सोसायटी में सदस्य के रुप में शामिल करने का सुझाव दिया था.
विधान परिषद के पूर्व सदस्य कन्हैयालाल गिडवानी ने आदर्श आयोग के समक्ष अपनी गवाही में कहा था कि शिंदे ने ही खानखोजे को बतौर सदस्य शामिल करने को कहा था.
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘हो सकता है कि खानखोजे की सदस्यता के लिए के एल गिडवानी ने बात आगे बढ़ायी है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि गिडवानी गुजर चुके हैं. सीबीआई का आरोपपत्र कहता है कि सोसायटी में असैन्य सदस्य गिडवानी के कहने पर शामिल किए गए थे. ’’वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी के बाबू के हलफनामे में कहा गया है, ‘‘सीबीआई की जांच में खानखोजे और शिंदे के किसी पारिवारिक संबंध का पता नहीं चला. रिकार्ड में ऐसा कुछ नहीं है जो आयोग के समक्ष गिडवानी द्वारा दी गयी इस गवाही की पुष्टि करें कि सुशील कुमारशिंदेके कहने पर खानखोज शामिल किए गए थे.’’
हलफनामा कहता है,‘‘जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे पता चलता हो कि शिंदे ने खानखोजे परिवार के किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए आदर्श के पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बतौर जनसेवक अपने पद का दुरुपयोग किया. ’’