गोवा के खनन अधिकारी की फेसबुक टिप्पणी से छिड़ी बहस

पणजी : गोवा में खनन गतिविधियों को फिर से शुरु करने की मांग के बीच एक वरिष्ठ खनन अधिकारी की सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर की गई टिप्पणी ने बहस छेड़ दी है और विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह टिप्पणी खनन मसले पर सरकार के दोहरे मानकों को प्रदर्शित करती है.राज्य खनन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2013 2:04 PM

पणजी : गोवा में खनन गतिविधियों को फिर से शुरु करने की मांग के बीच एक वरिष्ठ खनन अधिकारी की सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर की गई टिप्पणी ने बहस छेड़ दी है और विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह टिप्पणी खनन मसले पर सरकार के दोहरे मानकों को प्रदर्शित करती है.राज्य खनन एवं भूविज्ञान विभाग के निदेशक प्रसन्ना आचार्य ने किसी का नाम लिए बिना पिछले सप्ताह अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट करके कहा, ‘‘ कृपया उस व्यक्ति को बेवकूफ न बनाओ जो सच जानता है. चुप्पी को यह न समझेकि लोगों ने इस झांसे को सच मान लिया है. झांसा देकर आप अपना मूल्य कम कर रहे हैं. मैं एक झूठे व्यक्ति की बात सुनने के बाद केवल अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहा हूं. उसने सोचा कि मैंने उसकी बात पर विश्वास कर लिया क्योंकि उसकी झूठी बातें सुनने के बाद मैं चुप रहा.’’

गोवा कांग्रेस इकाई के प्रवक्ता एलिक्सो रेगीनाल्ड ने इस टिप्पणी पर प्रक्रिया व्यक्त करते हुए कल कहा कि इसने उनके आरोपों की पुष्टि कर दी है कि मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर दोहरे चरित्र वाले व्यक्ति हैं जिनके कारण ईमानदार सरकारी अधिकारी को सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए अपनी निराशा जाहिर करनी पड़ी.

रेगीनाल्ड ने कहा, ‘‘ उस पर सरकार ने अवैध खनन में शामिल खनन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का दबाव बनाया होगा. हम फेसबुक पर उसका गुस्सा देख सकते हैं. यह निराशा में तत्काल व्यक्त की गई प्रतिक्रिया है.’’

हालांकि मुख्यमंत्री ने आचार्य पर राजनीतिक दबाव बनाने के आरोपों को खारिज कर दिया.

उन्होंने कल शाम यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अधिकारी पर किसी प्रकार का राजनीतिक दबाव नहीं है और उन्हें खनन मामलों में पूरी स्वतंत्रता दी गई है.’’मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य ने कोई प्रशिक्षण पूरा करने के लिए लंबी छुट्टी मांगी थी जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने उनकी छुट्टी मंजूर करने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि इस समय यह संभव नहीं था.’’

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