आरएसएस के पसंदीदा देश इजराइल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के हैं बेहद खास मायने

नयी दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के दौरे पर जायेंगे.इसकी घोषणा रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने प्रेस कान्फ्रेंस में की थी.हालांकिदौरेकी तरीख अबतक तय नहीं हुई है लेकिन इस दौरे के कई मायने हैं. इजरायल के दौरे पर जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे.एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुके नरेंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2015 10:28 AM

नयी दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के दौरे पर जायेंगे.इसकी घोषणा रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने प्रेस कान्फ्रेंस में की थी.हालांकिदौरेकी तरीख अबतक तय नहीं हुई है लेकिन इस दौरे के कई मायने हैं. इजरायल के दौरे पर जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे.एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुके नरेंद्र मोदी ने विदेशों में भारत की छवि को मजबूत बनाने और विदेश नीति में भारत की अहम भूमिका निभाने पर विशेष ध्यान दिया.

इस एक साल में प्रधानमंत्री ने लगभग 18 देशों की यात्रा की. अब प्रधानमंत्री अपने दूसरे साल में उन देशों पर फोकस कर रहे हैं जिससे मजबूत संबंध स्थापित कर भारत और मजबूत हो सकता है. इसी कड़ी में एक नाम इजरायल का भी है. नरेंद्र मोदी के ताजा कार्यक्रम पर नजर डालें, तो फिलहाल वह कईदेशों की यात्रा पर जाने वाले हैं इनमें रूस, बांग्लादेश समेत कुछ औरदेश है. लेकिन इनमें मुख्य रूप से इजरायल शामिल है. अंतरराष्ट्रीय राजनीति के साथ- साथ इस दौरे का असर देश की राजनीति पर भी पड़ेगा. आइये समझते है कि कैसे इजरायल का दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा.

पहले प्रधानमंत्री जो इजरायल के दौरे पर जायेंगे
प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जो इजरायल के दौरे पर जायेंगे. आपसी संबंध को मजबूत करने के लिए यह दौरा बेहद आवश्यक है. दोनों देश में डिफेंस कॉपरेशन को लेकर भी सहयोग बढ़ा है. ऐसे कई मुद्दे हैं जिस पर बात करके दोनों देशों के आपसी सहयोग को और बढ़ाया जा सकता है. नेपाल में आये भयंकर भूकंप के वक्त भी भारत ने नेपाल में फंसे इजरायल के नागरिकों को वहां से बाहर निकालने में मदद की थी. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसके लिए नरेंद्र मोदी को फोन करके आभार जताया था. दोनों देशों के बीच संवाद को लेकर एक दूरी बनी हुई है जिसे कम करने की कोशिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
संघऔर इजरायल का संबंध
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ( आरएसएस) इजरायल से बेहद प्रभावित रहा है. जिस तरह यहूदियों नेखुद को सैकडों साल बाद एक राष्ट्र के रूप मेंस्थापितकिया और मजबूती के साथ अपने देश के हितों के लिए खड़े रहते हैं उससे संघ प्रभावित रहता है.संघहमेशा से भारत को इजरायल से सीखने की सलाह देता रहा है. यह देश अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सचेत और मजबूत है और अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देता रहा है. इजरायल ने एक बड़े संघर्ष के बाद खुद को मजबूती से खड़ा किया और आज एक मजबूत देश के रूप में खुद का स्थापित किया है. हालांकि सिर्फ इजरायल ही एक देश नहीं है जिससे संघ प्रभावित रहता है इसके अलावा जापान के मजबूती के साथ खड़ा होने की भी तारीफ संघ करता रहा है.
विदेश के साथ देश की नीति भी कैसे होगी प्रभावित
संघकी विचारधारा में इजरायल का जिक्र और भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा. संभव है कि इसका असर देश की राजनीति पर भी पड़े. इस विदेश दौरे से यह संदेश जायेगा कि मोदी संघ की सोच और उसकी विचारधारा के मद्देनजर इजरायल और भारत के संबंध को मजबूत करने में लगे हैं. हालांकि 1992 में ही भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए हैं लेकिन कोई प्रधानमंत्री इजरायल के दौरे पर नहीं गया. हालांकि इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरोन 2003 में भारत के दौरे पर आये थे. भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को रक्षा और व्यापार सहयोग से लेकर रणनीतिक संबंधों तक विस्तार देने की शुरुआत उधर से ही हुई. अब मोदी इस संबंध को और आगे ले जाने के लिए इजरायल के दौरे पर जायेंगे.

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