पतंजलि फूड पार्क मामला : हिंसक संघर्ष में पहले ट्रक यूनियन ने हमला शुरु किया : ट्रांसपोर्टर

हरिद्वार : योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि फूड पार्क में गत 27 मई को स्थानीय ट्रक यूनियन और पतंजलि के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के मामले में पंतजलि के लिये ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टरों ने आज एक सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुए दावा किया कि घटना में मारे गये ट्रक डाइवर दलजीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2015 8:04 PM

हरिद्वार : योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि फूड पार्क में गत 27 मई को स्थानीय ट्रक यूनियन और पतंजलि के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के मामले में पंतजलि के लिये ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टरों ने आज एक सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुए दावा किया कि घटना में मारे गये ट्रक डाइवर दलजीत तथा उसके साथियों ने पहले तलवारों और फरसों से हमला शुरू किया था.उधर, सीसीटीवी फुटेज के जरिये हुए नये खुलासे के बाद हरिद्वार की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वीटी अग्रवाल ने मामले की जांच के लिये 11 सदस्यीय विशेष जांच दल गठित कर दिया है जिसकी अगुवाई रुडकी के पुलिस क्षेत्रधिकारी कुलदीप सिंह असवाल करेंगे.

पतंजलि के लिये ढुलाई का काम करने वाले ट्रांसर्पोटरों ने सीसीटीवी फुटेज और फोटोग्राफ के हवाले से दावा किया कि मारे गये ट्रक डाईवर दलजीत, पथरी की स्थानीय ट्रक यूनियन के अध्यक्ष धमेंन्द्र चौहान तथा उनके साथियों ने पहले हमला शुरू किया और पतंजलि में ढुलाई करने वाले ट्रांसर्पोटरों संजय जोशी, नरेन्द्र बहल तथा एक अन्य ट्रांसर्पोटर विवेक जैन पर तलवारों और फरसे से हमला किया. बाबा रामदेव के लिये काम करने वाले टांसपोटरों ने ऐसे तमाम फोटो और फुटेज की सीडी और एक पत्र उतराखंड के राज्यपाल को भेज कर अपनी रिपोर्ट दर्ज करने और खुद को लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियों के कारण अपनी सुरक्षा की मांग की है.

राज्यपाल को भेजे पत्र में ट्रांसर्पोटरों ने स्थानीय पुलिस पर अविश्वास जताते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेन्सी से अपनी सुरक्षा की मांग की है. गौरतलब है कि पथरी की स्थानीय ट्रक यूनियन और पतंजलि प्रबंधन के बीच उत्पादों की ढुलाई को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा था. स्थानीय ट्रक यूनियन वाले पतंजलि से ढुलाई के लिये अपने ट्रक लगवाना चाहते थे जबकि पतंजलि ने बाहर के टांसपोर्टरों को काम दे रखा था.

पतंजलि के लिये काम करने वाले टांसपोर्टरों ने कहा कि 27 मई की घटना से पूर्व 14 अप्रैल को भी धर्मेन्द्र चौहान और दलजीत सिंह ने अपने साथियों के साथ पतंजलि के परिसर में घुसकर बवाल किया था जिसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से भी की गयी थी. उन्होंने कहा कि 27 मई की घटना से एक दिन पहले 26 मई को धर्मेंद्र चौहान और दलजीत ने उन्हें भी फोन कर पतंजलि में ट्रक सप्लाई बंद करने या अंजाम भुगतने की धमकी दी थी जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस से की थी लेकिन इस पर भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की. इससे पूर्व, बीते रोज मृतक दलजीत के साथियों ने एक सीसीटीवी फुटेज जारी कर बाबा रामदेव को घटना के समय वहां मौजूद दिखाते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की. उन्होने अपनी मांग के समर्थन में एक स्कूटर रैली का भी आयोजन किया.

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