भारत और अमेरिका के बीच नये रक्षा रुपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर
नयी दिल्ली : भारत और अमेरिका ने रक्षा उपकरण के सह विकास एवं उत्पादन तथा जेट इंजन, विमान वाहक पोत डिजाइन एवं निर्माण को ध्यान में रखते हुए आज रात रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण 10 वर्षीय रक्षा रुपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किया. दोनों पक्षों ने हाईटेक मोबाइल उर्जा स्रोत और रसायनिक एवं जैविक युद्ध के […]
नयी दिल्ली : भारत और अमेरिका ने रक्षा उपकरण के सह विकास एवं उत्पादन तथा जेट इंजन, विमान वाहक पोत डिजाइन एवं निर्माण को ध्यान में रखते हुए आज रात रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण 10 वर्षीय रक्षा रुपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किया. दोनों पक्षों ने हाईटेक मोबाइल उर्जा स्रोत और रसायनिक एवं जैविक युद्ध के लिए अगली पीढी के रक्षात्मक सूट के लिए दो परियोजना समझौतों को अंतिम रुप दिया.
इस समझौते पर निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की गत जनवरी में भारत यात्रा के दौरान हुआ था और यह समुद्री सुरक्षा, विमानवाहक पोत से लेकर जेट इंजन प्रौद्योगिकी सहयोग के मुद्दों पर केंद्रित है. इस समझौते पर हस्ताक्षर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भारत की यात्रा पर आये अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने किया.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, रक्षा मंत्री और सचिव कार्टर ने भारत अमेरिका रक्षा संबंध रुपरेखा 2015 पर हस्ताक्षर किया जो पूर्ववर्ती रुपरेखा एवं सफलताओं से आगे बढेगा और द्विपक्षीय एवं रणनीतिक साझेदारी को अगले 10 वर्षों के लिए निर्देशित करेगा. बयान में कहा गया है कि नया रुपरेखा समझौता उच्च स्तर की रणनीतिक चर्चाओं के लिए नई उंचाइयां प्रदान करेगा, दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अदान प्रदान तथा रक्षा क्षमताओं को मजबूती प्रदान करेगा.
इसके अलावा पर्रिकर और कार्टर ने जेट इंजन, विमानवाहक डिजाइन एवं निर्माण पर चर्चाओं को तेज करने पर सहमति जतायी. बयान में कहा गया है कि रुपरेखा रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल की परिवर्तनकारी प्रकृति को मान्यता देता है. इसमें कहा गया है, भारत और अमेरिका दोनों ने मोबाइल इलेक्ट्रिक हाईब्रिड पावर सोर्सेज और नेक्स्ट जेनरेशन प्रोटेक्टिव इंसेम्बल्स के संयुक्त विकास के लिए दो परियोजना समझौतों को अंतिम रुप दिया है.
दोनों पक्षों ने सह विकास एवं सह उत्पादन परियोजनाओं को आगे बढाने पर सहमति जतायी जो अमेरिकी रक्षा उद्योगों को मेक इन इंडिया के तहत भारतीय उद्योगों के साथ साझेदारी बनाने का सुनहरा अवहर प्रदान करेगा. कार्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ मुलाकात की और रणनीतिक एवं रक्षा हित बढाने के तरीकों पर चर्चा की.