अवैध खनन मामले में गुजरात, केंद्र सरकार को नोटिस जारी

अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी करके शहर के एक निवासी द्वारा दायर जनहित याचिका पर उनके जवाब मांगे जिसमें उसने राज्य के कृषि मंत्री बाबू बोखीरिया की कथित मिलीभगत से पोरबंदर जिले में अवैध खनन की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्या और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2013 7:36 PM

अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी करके शहर के एक निवासी द्वारा दायर जनहित याचिका पर उनके जवाब मांगे जिसमें उसने राज्य के कृषि मंत्री बाबू बोखीरिया की कथित मिलीभगत से पोरबंदर जिले में अवैध खनन की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्या और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की खंडपीठ ने आज केंद्र, गुजरात सरकार और अन्य संबंधित विभागों को नोटिस जारी करके उन्हें उस जनहित याचिका पर 15 दिन के भीतर जवाब मांगे जिसमें कथित अवैध खनन मामले की एक स्वतंत्र सीबीआई जांच की मांग की गई है. पोरबंदर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गत 15 जून को पोरबंदर से विधायक बोखीरिया और तीन अन्य को 54 करोड़ चूना पत्थर के अवैध खनन मामले में दोषी ठहराया था. एक सप्ताह बाद एक सत्र अदालत ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी.

जनहित याचिका दिलीप सिंह चौहान ने अपने वकील बाबू मंगूकिया के जरिये दायर किया. इसमें आरोप लगाया गया है कि पोरबंदर जिले में करीब 12 खनन पट्टा धारक बड़े पैमाने पर अवैध चूना पत्थर का खनन करते हैं. जनहित याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि ये पट्टाधारक या तो बोखीरिया के नजदीकी रिश्तेदार हैं या उनके सहयोगी हैं.

याचिकाकर्ता के अनुसार बोखीरिया के ये नजदीकी रिश्तेदार हैं या उनके सहयोगी बोखीरिया के राजनीतिक नेतृत्व के सहयोग से अवैध खनन में लिप्त हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्ष 2005.2006 एच एन छिब्बर पोरबंदर में कलेक्टर के रुप में तैनात थे. उन्होंने उन कुछ स्थानों पर छापे मारे थे जहां अवैध खनन चल रहा था.

उन्होंने कहा कि यदि पूरे क्षेत्र की एक सक्षम प्राधिकार द्वारा ठीक ढंग से निरीक्षक किया जाए तो खनिजों की चोरी 10 हजार करोड़ रुपये कम नहीं होगी. मामले की अगली सुनवायी की तिथि 11 अक्तूबर तय की गई.

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