सोमनाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी गलत : रामविलास पासवान
अहमदाबाद : गुजरात के प्रसिद्द सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के मंदिर में गैर-हिन्दुओं के बगैर अनुमति के प्रवेश का मामला सुर्खियां बनता नजर आ रहा है. हालांकि, आज इसको लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सरकार के मंत्री होने के नाते सोमनाथ मंदिर में बिना अनुमति के गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करने के मंदिर के अधिकारियों के […]
अहमदाबाद : गुजरात के प्रसिद्द सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के मंदिर में गैर-हिन्दुओं के बगैर अनुमति के प्रवेश का मामला सुर्खियां बनता नजर आ रहा है. हालांकि, आज इसको लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सरकार के मंत्री होने के नाते सोमनाथ मंदिर में बिना अनुमति के गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करने के मंदिर के अधिकारियों के फैसले की आज आलोचना की और कहा कि केंद्र सरकार ने धर्म के आधार पर कभी किसी भेदभाव का समर्थन नहीं किया है.
सोमनाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर हाल ही में प्रतिबंध के सवाल पर पासवान ने कहा, यह गलत है. सार्वजनिक स्थान में ऐसा नहीं होना चाहिए और धर्म या जाति के नाम किसी तरह का भेदभाव स्वीकार नहीं किया जा सकता. गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले में वेरावल तालुका में स्थित सोमनाथ मंदिर के अधिकारियों ने फैसला किया है कि गैर-हिंदू केवल मंदिर प्रबंधन से अनुमति लेकर ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं.
अधिकारियों ने इस पाबंदी के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताओं और धार्मिक स्थल की पवित्रता का हवाला दिया और कहा कि अन्य धर्म भी दूसरे धर्म के अनुयायियों को अपने पवित्र स्थलों पर प्रवेश की अनुमति नहीं देते. सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल की अध्यक्षता वाला ट्रस्टी बोर्ड संचालित करता है. इसके अन्य न्यासियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी शामिल हैं.
पासवान ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले साल में विकास के प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने कहा कि कुछ साधु या साध्वियों ने ध्यान भटकाने वाले बयान दिये हैं लेकिन हमें लगता है कि जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. पासवान ने दावा किया कि पिछले एक साल में अल्पसंख्यक समुदाय में डर धीरे-धीरे कम हुआ है. उन्होंने कहा, सरकार ने राम मंदिर, समान नागरिक संहिता या अनुच्छेद 370 जैसे विवादास्पद मुद्दों को नहीं छुआ है और हम केवल विकास के एजेंडे पर आगे बढे हैं.