नयी दिल्ली : मणिपुर में 20 सैन्यकर्मियों के नरसंहार में शामिल उग्रवादियों का पता लगाने और उनके सफाये के लिए आज बडा अभियान शुरू किया गया. मणिपुर में भारत-म्यांमा सीमा बंद कर दी गई है ताकि उग्रवादी पडौसी देश में नहीं भाग पाएं.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभाल सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए और उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में सेना के जवानों पर घात लगाकर किये गये हमले के बाद पैदा स्थिति का जायजा लिया.
गृह मंत्री ने आदेश दिया कि हमले में शामिल किसी भी उग्रवादी को छोडा नहीं जाना चाहिए और हमले में शामिल सभी उग्रवादियों के खिलाफ कठोरतम संभव कार्रवाई होनी चाहिए. केंद्र सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया और निर्देश दिया कि मणिपुर और नगालैंड में सुरक्षा बलों के सभी प्रतिष्ठान उग्रवादियों के हमले के किसी भी नये प्रयास को लेकर हाई अलर्ट पर रहें.
सूत्रों ने कहा कि देश के शीर्ष सुरक्षा धडा इतनी बडी संख्या में सैन्यकर्मियों की मौत से नाराज हैं और उन्होंने फैसला किया है कि उग्रवादी समूहों पर लगाम कसने का एकमात्र तरीका बेहतर समन्वय से अभियान चलाना और कठोरतम कार्रवाई करना है.