सरकारी अस्पतालों ने 10 दिन की बच्ची का उपचार करने से इनकार किया

नयी दिल्ली: यहां के कई सरकारी अस्पतालों ने दिल की बिमारी से पीडित दस दिन की एक बच्ची का इलाज करने से इनकार कर दिया. इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने अस्पतालों से स्पष्टीकरण देने की मांग की है. राष्ट्रीय संग्रहालय में एक सुरक्षा गार्ड के रुप में काम करने वाले तान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 3:29 AM

नयी दिल्ली: यहां के कई सरकारी अस्पतालों ने दिल की बिमारी से पीडित दस दिन की एक बच्ची का इलाज करने से इनकार कर दिया. इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने अस्पतालों से स्पष्टीकरण देने की मांग की है. राष्ट्रीय संग्रहालय में एक सुरक्षा गार्ड के रुप में काम करने वाले तान सिंह को अपनी पोती का उपचार कराने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पडा.

सिंह ने कहा, ‘‘मेरी पोती का जन्म 25 मई को लोधी रोड पर स्थित एक प्रसूति अस्पताल में हुआ था. कुछ दिन के बाद उसका स्वास्थ्य खराब होने के बाद उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपात स्थिति में उसका उपचार किया गया. उसका एक्स-रे देखने के बाद वहां के चिकित्सकों ने कहा कि अब हम बच्ची को घर ले जा सकते हैं क्योंकि वह ठीक है.’’
उन्हांने कहा, ‘‘लेकिन घर लाने के बाद उसकी हालत गंभीर हो गई. उसके बाद हम एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, जीबी पंत और लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल गये लेकिन वहां के अधिकारियों ने बिस्तर की कमी और अन्य समस्याओं का हवाला देते हुए उसे भर्ती करने से मना कर दिया’’ घटना के प्रकाश में आने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बच्ची का उपचार नही करने के संबंध में जीबी पंत और एलएनजीपी से स्पष्टीकरण मांगी है. इस बीच, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में कल बच्ची की सर्जरी की जाएगी. बच्ची यहां भर्ती है.

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