जम्मू : भिंडरावाले मुद्दे पर सिखों का विरोध-प्रदर्शन जारी, प्रशासन ने इंटरनेट सेवा पर लगायी रोक

जम्मू : जम्मू में सिख युवकों ने आज लगातार तीसरे दिन निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सडकों पर विरोध-प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन खलिस्तान उग्रवादियों के नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाला के पोस्टर हटाने के कारण किया जा रहा था. जम्मू जिला प्रशासन ने हिंसा की बढ़ती घटनाओं और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 2:33 PM
जम्मू : जम्मू में सिख युवकों ने आज लगातार तीसरे दिन निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सडकों पर विरोध-प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन खलिस्तान उग्रवादियों के नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाला के पोस्टर हटाने के कारण किया जा रहा था. जम्मू जिला प्रशासन ने हिंसा की बढ़ती घटनाओं और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी है. जानकारी के मुताबिक इंटरनेट और एसएमएस के जरिए कुछ लोग अफवाह फैला रहे थे, इसके बाद जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है.
कल पुलिस से हुए टकराव में एक युवक की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे.पूरे जम्मू में अधिकारियों ने धारा 144 लगाई है जिसके कारण एक स्थान पर चार से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते. सतवाडी-रानीबाग-गडीगढ-आरएसपुरा क्षेत्र के हिंसाग्रस्त इलाकों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है.
सिखों के समूह ने जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाए. प्रदर्शन डिगिआना क्षेत्र में किया गया और लोगों ने पुलिस एवं सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसी तरह का विरोध प्रदर्शन पुंछ, कठुआ और राजौरी क्षेत्रों में भी किया गया.
जम्मू में आज सडकें सूनी पडी रहीं और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. क्षेत्र के कई जिलों में कॉलेज एवं विद्यालय भी बंद रहे. जम्मू शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की गई है. कल देर रात सेना ने जम्मू के इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया.
इसके पहले कल कठुआ में भी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था. सिखों के प्रदर्शन की वजह से इलाके में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना को बुलाया गया है और समूचे जम्मू जिले में निषेधाज्ञा लगा दी गयी है.
1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार की 6 जून को बरसी मनाने के लिए सिख समुदाय के लोगों ने शहर में कई जगहों पर खालिस्तान के समर्थन और ऑपरेशन ब्लूस्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लगाये थे. पुलिस के द्वारा इन पोस्टरों को उतारने के विरोध में रानीबाग इलाके में सिख समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था. विरोध की इसी कड़ी में सिख प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाइवे जाम करने की कोशिश की.
ऐसे में जब पुलिस हाइवे जाम कर रहे लोगों को हटाने पहुंची थी तो प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर हथियारों के साथ हमला कर दिया. इसकी वजह से कल पुलिस और सिखों के बीच जमकर हिंसक झड़प हुई और हमले के जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इसके बावजूद भी जब भीड़ नहीं रुकी तो पुलिस ने फायरिंग की, जिसकी वजह से सर में गोली लगने से एक युवक की मौत हो गयी. इसके बाद से इलाके में तनाव और ज्यादा बढ़ गया है. जिसकी वजह से पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गयी है.
भिंडरावले को सरकार ने आतंकी घोषित किया था और इंदिरा गांधी के शासन के समय सेना ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आतंकियों के कब्जे के बाद हमला कर दिया था, जिसमें खालिस्तान समर्थक समूह के कमांडर रहे भिंडरावले की मौत हो गयी थी. सिख भिंडरावले को आतंकवादी मानने से इंकार करते हैं और इस तनाव की मूल वजह यही है.

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