शिवसेना ने कहा, मोदी राम मंदिर मुद्दे पर स्पष्ट करें अपने ‘मन की बात’

मुंबई : शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र सामना में राम मंदिर का मुद्दा उठाया है. सामना के लेख में कहा गया है कि अयोध्या में राम मंदिर के विवादास्पद मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए और अपने अपने ‘मन की बात’ करनी चाहिए. आपको बता दें कि पिछले दिनों ही भाजपा सांसद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 2:44 PM

मुंबई : शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र सामना में राम मंदिर का मुद्दा उठाया है. सामना के लेख में कहा गया है कि अयोध्या में राम मंदिर के विवादास्पद मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए और अपने अपने ‘मन की बात’ करनी चाहिए. आपको बता दें कि पिछले दिनों ही भाजपा सांसद विनय कटिहार ने इस मुद्दे पर बयान दिया था जिससे काफी बवाल मचा था. इस संदर्भ में भाजपा सांसद ने अपनी टिप्पणी में इस मुद्दे को ऐसा बम बताया जो भविष्य में कभी भी फट सकता है.

राज्यसभा सदस्य कटियार ने बुधवार को कहा था कि मोदी सरकार को उच्चतम न्यायालय के निर्णय का इंतजार किए बिना इस मुद्दे का समाधान कानून बना कर या बातचीत के जरिए करना चाहिए। कटियार 1990 के अयोध्या आंदोलन के प्रमुख चेहरों में गिने जाते हैं. सामना में ‘कटियार बम’ शीर्षक से छपे संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा के अंदर घंटानाद शुरु हो गया है. अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा अमित शाह :भाजपा अध्यक्ष: द्वारा टाल-मटोल करने पर भाजपा के प्रखर हिंदुत्ववादियों के बीच खलबली मच गई है. अब किस मुंह से वह लोगों के सामने जाएं? ऐसा सवाल उनके सामने उठ खडा हुआ है.’’

इसमें कहा गया है कि शाह ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा था कि अपने मूल वैचारिक मुद्दों को आगे बढाने के लिए भाजपा को लोकसभा में 370 सांसद चाहिए. लेकिन ऐसा दिखाई देता है कि शाह के इस बयान को कटियार ने ताल ठोंककर चुनौती दी है. शिवसेना ने कहा, ‘‘चुनाव आते ही मुस्लिम वोट बैंक के लिए जिस तरह उनकी दाढी सहलाई जाती है उसी तरह हिंदुत्ववादी पार्टी राम मंदिर के मामले को बढावा देती है. चुनाव के बाद मात्र उस सवाल का राम नाम सत्य हो जाता है.

राम मंदिर के मामले में एक बार अब प्रधानमंत्री को चाहिए कि ‘मन की बात’ स्पष्ट रुप से रख दें तो उचित होगा.’’ संपादकीय में कहा गया है कि कटियार का बयान एक संताप के तहत आया है, क्योंकि अयोध्या आंदोलन के वह महत्वपूर्ण सिपाही थे. प्रधानमंत्री हर महीने रेडियो पर विभिन्न मुद्दों पर लोगों से बात करने के लिए ‘मन की बात’ कार्यक्रम करते हैं.

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