कांग्रेसी सांसद अंबिका सोनी और कुमारी सैलजा के बंगला खाली करने की नोटिस पर दिल्ली हाइकोर्ट की रोक

नयी दिल्ली :कांग्रेस की दो वरिष्ठ महिला सांसदों एवं पूर्व मंत्रियों-अंबिका सोनी एवं कुमारी सैलजा को बंगला खाली करने के लिए केंद्र की तरफ से दिए गए नोटिस पर आजदिल्ली उच्च न्यायालय नेरोक लगा दी. अदालत ने सरकार से इस बात पर जवाब मांगा है कि क्या दोनों सांसदों को आंवटित बंगले राज्यसभा सचिवालय के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 5:12 PM
नयी दिल्ली :कांग्रेस की दो वरिष्ठ महिला सांसदों एवं पूर्व मंत्रियों-अंबिका सोनी एवं कुमारी सैलजा को बंगला खाली करने के लिए केंद्र की तरफ से दिए गए नोटिस पर आजदिल्ली उच्च न्यायालय नेरोक लगा दी. अदालत ने सरकार से इस बात पर जवाब मांगा है कि क्या दोनों सांसदों को आंवटित बंगले राज्यसभा सचिवालय के कोटे में आते हैं.
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ ने राज्यसभा की इन दोनों सदस्यों की याचिका पर शहरी विकास मंत्रालय और संपदा निदेशालय को नोटिस जारी कर उनसे दो जुलाई तक जवाब मांगा है. दोनों सांसदों को टाईप – आठ के बंगले खाली कर टाईप सात वाले बंगलों में जाने के लिये कहा गया है. न्यायालय ने कहा कि पूरा मुद्दा यह है कि क्या ये आवास सामान्य कोटे के तहत आते हैं या राज्यसभा सचिवालय के तहत. अदालत ने यह भी कहा कि इन कोटों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.
दोनों पूर्व कैबिनेट मंत्रियों की दलील थी कि उन्हें जारी आवंटन पत्र के हिसाब से वे सांसद के रुप में अपना कार्यकाल समाप्त होने या सेवानिवृति के बाद एक महीने तक इन आवास में रह सकती हैं. अदालत में उनका पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील के टी एस तुलसी ने कहा कि ये मकान राज्यसभा सचिवालय कोटे में आते हैं और उन्हें बिना उचित सुनवाई का मौका दिए बगैर ही आवंटन रद्द कर दिया गया.
अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल संजय जैन ने कहा कि 2006 के आवंटन दिशानिर्देश के मुताबिक टाईप आठ बंगल केवल उन व्यक्तियों के लिए हैं जो पूर्व लोकसभाध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व राज्यपाल या पूर्व मुख्यमंत्री हैं.
उन्होंने कहा कि राज्यसभा की दोनों सदस्य – सोनी और सैलजा केवल टाईप सात आवास की पात्र हैं जो उन्हें आवंटित किया गया है. यही नहीं, आवास खाली करने का नोटिस भेजने से पहले पूरी प्रक्रिया सार्वजनिक परिसर अधिनियम (पब्लिक प्रीमाइसेज एक्ट) के तहत की गयी. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल चार केंद्रीय मंत्रियों के पास टाईप आठ के बंगले नहीं हैं और वे टाईप सात फ्लैट में रह रहे हैं. जैन ने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री राम शंकर कठारिया, केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री बिरेंद्र सिंह को ये बंगले आवंटित किए गए हैं जिनपर फिलहाल राज्यसभा की ये दोनों सदस्य काबिज हैं.
सरकार ने यह भी कहा कि राज्यसभा की इन दोनों सदस्यों को संप्रग द्वितीय शासन के सत्ता के बाहर जाने से महज कुछ समय पहले ये बंगले आवंटित किए गए थे, जो वैध नहीं है. उन्हें केंद्रीय मंत्री के पद से हटने के बाद आवंटन के लिए आवेदन करना था. हालांकि, अदालत ने कहा कि सही हो या गलत, यह (आवास) राज्यसभा कोटे के तहत आवंटित किये गये हैं. सुनवाई के दौरान जैन ने कहा कि राज्यसभा की इन सदस्यों को संपदा कार्यालय के पांच मई के आदेश के विरुद्ध अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील करनी चाहिए थी. लेकिन तुलसी ने कहा कि राज्यसभा कोटे के तहत मकानों के मामले में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया भिन्न है. उनके मुवक्किलों ने विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए राज्यसभा सचिवालय को प्रतिवेदन दिया था और सचिवालय ने सरकार को नोटिस जारी किया था एवं उसने इस नोटिस को विलंबित रखने के लिये कहा था.
इधर, सोनी और सैलजा ने कहा कि उनसे क्रमश: अकबर रोड और मोतीलाल नेहरु माग के उनके बंगलों को खाली करने के लिए कहना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. उनका यह भी तर्क है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने विपक्ष सदस्यों से दुर्भावना से उन्हें टाईप आठ आवास से टाईप सात आवास में जाने के लिये कहा है. दोनों ने दावा किया कि मार्च 2014 में राज्यसभा सचिवालय द्वारा किए गए आवंटन के मुताबिक वे जबतक सांसद हैं या जबतक वे सेवानिवृति होती हैं, तबतक के लिए वे इन बंगलों की हकदार हैं.
खाली करने की नोटिस को चुनौती देते हुए दोनों सांसदों ने मंत्रालय एवं संपदा निदेशालय पर साठगांठ करने और परिसर खाली करने के लिए उनके पीछे पड जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दोनों ही राज्यसभा सदस्य होने और पूर्व कैबिनेट मंत्री होने के नाते इन आवासों की पात्र हैं. दोनों यह भी चाहती हैं कि अदालत से टाईप सात और टाईप आठ के बंगलों में रहने वालों सूची का अवलोकन करके उनकी पात्रता का सत्यापन किया जाये. उन्होंने नोटिस को पक्षपातपूर्ण बताया है. इन दोनों सांसदों की विशेषाधिकार हनन की नोटिस अस्वीकार हो जाने के बाद केंद्र ने उन्हें सरकारी बंगला 10 जून तक खाली करने के लिये कहा था.

Next Article

Exit mobile version