रायपुर : छत्तीसगढ के नक्सल प्रभावित कोण्डागांव जिले में पुलिस के सामने एक महिला नक्सली समेत दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. इनमें से एक नक्सली के सर पर आठ लाख रुपये का ईनाम है. कोंडागांव जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने आज बताया कि जिला मुख्यालय में आज माओवादी कंपनी नंम्बर छह के सदस्य फूलसिंह (32) और बयानार जनमिलिशिया सदस्य रमोली (25) ने आत्मसमर्पण कर दिया है.
फूलसिंह पर आठ लाख रुपये का ईनाम घोषित है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली फूलसिंह ने बताया कि नक्सलवादी अपनी विचारधारा से भटक गये हैं तथा इनमें पैसे कमाने और हिंसा की प्रवृति बढी है. बडे नक्सली नेताओं में विलासिता की प्रवृति बढ गई है. बडे नक्सली कमाण्डर स्थानीय नक्सली नेताओं पर दबाव बनाकर पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाते हैं. गांव के जो युवक पुलिस के साथ जुडना चाहते है उनकी हत्या करवाने के लिए प्रेरित करते हैं.
फूलसिंह ने बताया कि माओवादियों द्वारा की जाने वाली वसूली का एक बडा हिस्सा बडे नक्सली कमाण्डर अपने साथ ले जाते हैं. लोकल संगठन चलाने के लिए जितने पैसे दिये जाते है, वह अपर्याप्त होता है. वर्तमान में गांव के लोगों में भी नक्सली विचारधारा को लेकर काफी मतभेद उभरकर सामने आये है और ग्रामीण भी खुलकर नक्सलियों का विरोध कर रहे हैं. नक्सली संगठन में महिलाओं का शोषण आम बात है.
नक्सली आजकल शोषण के लिए ही ज्यादातर महिलाओं की भर्ती पर जोर दे रहे हैं ताकि ग्रामीण युवक आकर्षित होकर नक्सली संगठन से जुड सकें. पुलिस अधिकारी ने बताया कि फूलसिंह वर्ष 2009 में संगठन में शामिल हुआ था तथा पिछले छह वर्षों से लगातार नक्सली गतिविधियों में संलिप्त था. वहीं रमोली वर्ष 2005 में नक्सली संगठन में शामिल हुई थी.
तथा पिछले 10 वर्षो से लगातार नक्सली वारदातों में शामिल रही है. मीणा ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली लगातार कोण्डागांव पुलिस के संपर्क में थे. उन्हें कोण्डागांव पुलिस ने शासन द्वारा दी जा रही पूनर्वास नीति और सुविधाओं के संबंध में जानकारी दी तथा आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया. जिससे प्रभावित होकर आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.