शिक्षकों और वकीलों ने योगेंद्र को यूजीसी में बहाल करने की मांग की

नयी दिल्ली: शिक्षकों और वकीलों ने हटाए गए यूजीसी सदस्य योगेंद्र यादव का समर्थन करते हुए उन्हें तुरंत प्रभाव से बहाल करने की आज मांग की. उन्होंने यादव को पद से हटाए जाने को अवैध भी करार दिया. डीयूटीए अध्यक्ष नंदिता नारायण ने सरकार के कदम की आलोचना करते हुए दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2013 11:20 PM

नयी दिल्ली: शिक्षकों और वकीलों ने हटाए गए यूजीसी सदस्य योगेंद्र यादव का समर्थन करते हुए उन्हें तुरंत प्रभाव से बहाल करने की आज मांग की. उन्होंने यादव को पद से हटाए जाने को अवैध भी करार दिया. डीयूटीए अध्यक्ष नंदिता नारायण ने सरकार के कदम की आलोचना करते हुए दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों का पूरा समुदाय यादव के साथ है. वहीं वकील शांति भूषण ने कहा कि अगर सरकार के आदेश को अदालत में चुनौती दी गयी तो इसके बने रहने की संभावना काफी कम है.

नारायण ने कहा कि यादव को सम्मानपूर्वक बहाल किया जाना चाहिए और उनसे माफी मांगी जानी चाहिए तथा यादव ने जो मुद्दे उठाए हैं, उन पर गौर करना चाहिए.उन्होंने कहा कि यादव को सदस्य पद से इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने यूजीसी के कुछ फैसलों के खिलाफ अपनी आवाज उठायी थी.

नारायण ने कहा कि यादव के लिए समर्थन जुटाने की खातिर देश भर में अभियान चलाया जाएगा और उन्हें यूजीसी में बहाल करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा. केंद्र पर बरसते हुए शांति भूषण ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा यादव को यूजीसी से हटाया जाना ‘‘पूरी तरह से अवैध’’ है. शांति भूषण भी आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं.

न्यायमूर्ति आर सच्चर ने इसे ‘‘अफसोसजनक’’ बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है. उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है.

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