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गैंगरेप मामले में जांच अधिकारी के खिलाफ पुलिस आयुक्त को कार्रवाई का निर्देश

नयी दिल्ली: एक स्थानीय अदालत ने दो व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज सामूहिक बलात्कार के मामले में शिकायतकर्ता पर कथित रुप से ‘दबाव’ डालने के लिये महिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिल्ली के पुलिस आयुक्त को दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सामूहिक बलात्कार के इस मामले में आरोपियों को संदेह का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2015 10:25 AM

नयी दिल्ली: एक स्थानीय अदालत ने दो व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज सामूहिक बलात्कार के मामले में शिकायतकर्ता पर कथित रुप से ‘दबाव’ डालने के लिये महिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिल्ली के पुलिस आयुक्त को दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सामूहिक बलात्कार के इस मामले में आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुये बरी कर दिया. उन्होंने कहा कि अभियोजन का मामला तथ्यों को अव्यवस्थित तरीके से साक्ष्य के रुप में पेश करने के सिवाय कुछ नहीं है.

न्यायाधीश ने इलाहाबाद निवासी हवन प्रताप सिंह ओर बिहार निवासी पिन्टू कुमार को बरी करते हुये कहा कि अभियोजन कथित के कथित स्थान को साबित करने में विफल रहा है जो इस मामले के लिये बहुत ही घातक है.अदालत ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान रिकार्ड पर लाये गये तथ्य अभियोजन के मामले को पूरी तरह झुठलाते हैं. यही नहीं, पीडित ने भी इस बात से इंकार किया है कि शिकायत के विवरण की उसे जानकारी नहीं है. इसी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
अदालत ने कहा कि इस महिला ने बार बार अदालत में कहा है कि जांच अधिकारी इंसपेक्टर मीरा शर्मा जांच के दौरान विभिन्न स्तरों पर उस पर दबाव डालती रही हैं. अदालत ने कहा कि मुकदमे के दौरान रिकार्ड पर लाये गये साक्ष्यों के आधार पर दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया जाता है कि इंसपेक्टर मीरा शर्मा के खिलाफ लगाये गये आरोपों की जांच करायी जाये.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि फैसला मिलने की तारीख से दो सप्ताह के भीतरइस मामले में की गयी कार्रवाई से इस अदालत को अवगत कराया जाये. अदालत ने फैसले की प्रति आवश्यक जानकारी और अमल के लिये पुलिस आयुक्त को भेजने का निर्देश दिया है.

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