इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सत्तारुढ पार्टी पीएमएल (एन) गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में अकेली सबसे बडी पार्टी बन कर उभरी है. भारत ने यह कहते हुए गिलगित-बलतिस्तान में चुनाव का जोरदार विरोध किया था कि यह क्षेत्र उसका एक अभिन्न हिस्सा है और यह चुनाव इन क्षेत्रों पर ‘जबरन एवं अवैध कब्जे को छिपाने’ का पाकिस्तान का एक प्रयास है.
‘रेडियो पाकिस्तान’ ने बताया कि शरीफ की पार्टी ने कल हुए चुनाव में इस क्षेत्र की 24 में से 14 सीटों पर जीत हासिल की. इन सीटों के लिए विभिन्न पार्टियों के 272 उम्मीदवार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे थे. पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी महज एक सीट जीत पाई जबकि पूर्व मुख्यमंत्री मेहदी शाह अपनी सीट भी नहीं बचा सके. इस चुनाव में दो महिला उम्मीदवार भी खडी थीं, लेकिन उनमें से किसी को कामयाबी नसीब नहीं हुई.
अनाधिकारिक नतीजों के अनुसार तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है जबकि शियाओं की मजहबी पार्टी मजलिस वहदतुल मुसलमीन को दो सीटें मिली हैं. क्रिकेटर से सियासत में आए इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इस्लाम इस इलाके में पकड बनाने में नाकाम रही. उसे बस एक सीट मिली. पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ की आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग को कोई सीट नहीं मिल सकी.
जमियत उलेमा-ए-इस्लाम (फज्ल) और जमात-ए-इस्लामी जैसी पारंपरिक धार्मिक पार्टियां इस चुनाव पर कोई असर नहीं छोड सकीं. तकनीकी तौर पर गिलगित-बलतिस्तान पाकिस्तान में शामिल नहीं है, लेकिन 2009 में सत्ता के विकेंद्रीकरण के बाद यह पाकिस्तान के चार प्रांतों की ही तरह है. 2009 में इसका नाम ना सिर्फ उत्तर क्षेत्र से मौजूदा गिलगित-बलतिस्तान कर दिया गया, बल्कि वहां स्थानीय विधानसभा का प्रावधान भी किया गया.