वोट के बदले नोट : तेदेपा और टीआरएस के बीच टकराव

हैदराबाद : वोट के बदले नोट घोटाले को लेकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सत्तारुढ दलों द्वारा एक दूसरे पर कीचड उछाले जाने के बीच भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो के दस्ते ने इस मामले में गिरफ्तार तेदेपा विधायक रेवांत रेड्डी और दो अन्य के निवासों की आज तलाशी ली. दोनों पडोसी राज्यों के सत्तारुढ दलों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2015 11:02 PM

हैदराबाद : वोट के बदले नोट घोटाले को लेकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सत्तारुढ दलों द्वारा एक दूसरे पर कीचड उछाले जाने के बीच भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो के दस्ते ने इस मामले में गिरफ्तार तेदेपा विधायक रेवांत रेड्डी और दो अन्य के निवासों की आज तलाशी ली. दोनों पडोसी राज्यों के सत्तारुढ दलों के बीच राजनीतिक कटुता तेज हो रही है. आंध्रप्रदेश पुलिस ने इस मामले में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू बाबू नायडू की कथित रूप से अवैध फोन टैपिंग करने को लेकर तेदेपा के कार्यकर्ताओं की शिकायतों के आधार पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ 50 से अधिक मामले दर्ज किये हैं.

नायडू की दिक्कतों को बढाते हुए आंध्र प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल वाइएसआर कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग की और उन पर एक साल पहले समग्र आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर बनाये गये दो राज्यों के बीच ‘क्षेत्रीय उन्माद को हवा देने’ का आरोप लगाया. एसीबी के उपाधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की तीन टीमों ने रेड्डी, सेब्सिटियन हैरी एवं उदय सिन्हा के निवासों की एक साथ तलाशी ली और विधायक के घर से एक कम्प्यूटर सीपीयू बरामद किया.

एसीबी ने 31 मई को रेड्डी एवं दो अन्य को गिरफ्तार किया था. तीनों तेलंगाना विधान परिषद चुनाव में तेदेपा के उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने के लिए नामित विधायक एलविस स्टेफेंसन को कथित रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत देने की पेशकश कर रहे थे. यह विवाद तब खडा हुआ जब रविवार को कुछ चैनलों ने एक ऑडियो टेप का प्रसारण किया जिसमें नायडू और नामित विधायक एलविस स्टीफेंसन फोन पर एक दूसरे से बात कर रहे हैं.

उसके बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच रिश्वत विवाद के अलावा अवैध फोन टैपिंग पर वाकयुद्ध शुरू हो गया. पुलिस ने आज बताया कि तेदेपा कार्यकर्ताओं ने शिकायत की कि तेलंगाना सरकार नायडू के फोन की अवैध रूप से टैपिंग करा रही है. इस शिकायत पर भारतीय दंड संहिता एवं भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये. इस मुद्दे में शामिल होते हुए वाइएसआर कांग्रेस ने नायडू से टेप की वैधता पर अपनी बेगुनाही साबित करने को कहा.

पार्टी नेता बोत्सा सत्यनारायण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘घोटाले के सामने आने के बाद से ही चंद्रबाबू नायडू ने न तो इसकी निंदा की है और न ही स्पष्ट शब्दों में कहा है कि फोन में रिकार्ड की गयी आवाज उनकी नहीं है. इसके विपरीत वह भडकाउ भाषण दे रहे हैं और क्षेत्रीय उन्माद को बढा रहे हैं. इसके बजाय उन्हें इस्तीफा देकर और जांच का सामना कर अपनी बेगुनाही साबित करनी चाहिए.’

नायडू ने इससे इनकार किया कि यह उनकी आवाज है और उन्होंने राव पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने आंध्रप्रदेश का विभाजन करने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को विश्वासघाती बताया. टीआरएस ने पलटवार किया कि क्या वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए झूठ पकडने वाले परीक्षण के लिए तैयार हैं. नायडू ने कहा कि उन्होंने हमेशा ही ईमानदारी की जिंदगी जी है और आरोप लगाया कि जो कुछ चल रहा है वह टीआरएस, कांग्रेस और वाइएसआर कांग्रेस द्वारा उनके विरुद्ध संयुक्त साजिश का परिणाम है.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस, टीआरएस और वाइएसआर फिर मेरे विरुद्ध साजिश रच रहे हैं. मैंने ईमानदारी की जिंदगी जी है और जनसेवा के लिए जीवन जिया है. आंध्रप्रदेश विकास कर रहा है जबकि केसीआर कुछ भी करने में असमर्थ हैं एवं मेरे विरुद्ध साजिश रच रहे हैं.’ नायडू ने इन सभी को चेतावनी दी कि वे ‘चीजों को इतना ज्यादा नहीं खींचें.’

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