प्रधानमंत्री ने नैरोबी में आतंकी हमले की निंदा की

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केन्या के शॉपिंग मॉल पर हुए आतंकवादी हमले में आठ वर्षीय एक लड़के समेत दो भारतीयों के भी मारे जाने की घटना की आज निंदा की. उन्होंने इस तरह की विवेकहीन हिंसा पर नियंत्रण करने के लिए साथ मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता के बारे में विश्व समुदाय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2013 6:53 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केन्या के शॉपिंग मॉल पर हुए आतंकवादी हमले में आठ वर्षीय एक लड़के समेत दो भारतीयों के भी मारे जाने की घटना की आज निंदा की. उन्होंने इस तरह की विवेकहीन हिंसा पर नियंत्रण करने के लिए साथ मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता के बारे में विश्व समुदाय को याद दिलाया.

सिंह ने केन्या के राष्ट्रपति उहुरु केन्याटा को पत्र लिखकर नैरोबी में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और अलकायदा से जुड़े आतंकवादियों के हमले से पैदा हुई स्थिति से निपटने में सहायता की पेशकश की. यह हमला कल शुरु हुआ था.

मारे गए भारतीयों की पहचान 40 साल के श्रीधर नटराजन और मास्टर परमशु जैन के रुप में हुई है. श्रीधर एक स्थानीय फार्मा कंपनी में काम करते थे जबकि परमशु बैंक ऑफ बड़ौदा (केन्या लिमिटेड) के एक शाखा प्रबंधक का बेटा था.

जख्मी हुए भारतीयों में श्रीधर की पत्नी मंजुला श्रीधर, परांशु की मां मुक्ता जैन और 12 साल की पूर्वी जैन तथा फ्लेमिंगो ड्यूटी फ्री नैरोबी के कर्मचारी नटराजन रामचंद्रन हैं.

केन्याई राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में सिंह ने कहा, मैं नैरोबी के वेस्टगेट मॉल में कल हुए बर्बर आतंकी हमले से बेहद सकते में और दुखी हूं. भारत इस जघन्य और विचारहीन हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है जिसने अनेक निर्दोष लोगों की जान ले ली. इसमें दोनों देशों के नागरिक शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि आतंकवाद की समस्या अजेय चुनौती बनी हुई है और उसके लिए विश्व समुदाय की तरफ से ठोस और सतत जवाब की जरुरत है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया 40 वर्षीय श्रीधर नटराजन एक फार्मा फर्म में काम कर रहे थे वहीं परांशु जैन बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थानीय शाखा के प्रबंधक का पुत्र था.

उन्होंने कहा कि नैरोबी में भारतीय मिशन मृत लोगों के परिवार के संपर्क में है. नकाबपोश बंदूकधारियों ने कल खचाखच भरे शॉपिंग मॉल पर हमला किया था जिसमें 59 लोग मारे गए थे और दर्जनों अन्य लोग घायल हुए थे.

सोमालिया के अलकायदा से प्रेरित शबाब विद्रोहियों ने कहा कि यह नरसंहार सोमालिया में केन्या के सैन्य हस्तक्षेप के जवाब में किया गया है. गौरतलब है कि सोमालिया में अफ्रीकी संघ के सैनिक इस्लामवादियों से लड़ रहे हैं.

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