मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं धार्मिक ठेकेदार : नकवी

लखनऊ: योग, सूर्य नमस्कार और गीता पाठ के मुद्दे पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा कडी आपत्ति दर्ज कराये जाने के बीच अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि अज्ञानतावश उठाये गये एक बिना बात के मुद्दे को लेकर मुसलमानों को उनके धार्मिक ठेकेदार ‘गुमराह’ कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2015 7:44 AM

लखनऊ: योग, सूर्य नमस्कार और गीता पाठ के मुद्दे पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा कडी आपत्ति दर्ज कराये जाने के बीच अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि अज्ञानतावश उठाये गये एक बिना बात के मुद्दे को लेकर मुसलमानों को उनके धार्मिक ठेकेदार ‘गुमराह’ कर रहे हैं.

नकवी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा योग का विरोध किये जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कुछ लोगों को योग के विरोध का रोग हो गया है. इस रोग का इलाज भी योग ही है. इसलिये उनके अज्ञान, उनकी गैरजानकारी के लिये हम तो उनको बिना मांगी सलाह यही देंगे कि वे योग की दिशा में जाएं और योग को मजहब से ना जोडें. योग को मजहब से जोडने वाले लोग अपने ज्ञान को ठीक करें.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि बिना बात के मुद्दे के चक्रव्यूह में इस देश के अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को उनके धार्मिक ठेकेदार फंसा रहे हैं, और हमें लगता है कि उन्हें यह समझना चाहिये कि यह गुमराह करने का चलन बहुत दिन तक नहीं चलेगा.’’
सूर्य नमस्कार और गीता पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल करके थोपे जाने की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपत्ति के बारे में नकवी ने कहा ‘‘मुझे लगता है कि जो हमारे उलमा (मुस्लिम धर्मगुर) हैं, मैं बहुत अदब के साथ उनसे कहना चाहूंगा कि अगर वो इसकी आधा फीसद ताकत भी देश के मुसलमानों की शिक्षा, उनके सशक्तिकरण और उनके बुनियादी सवालों के लिये लगाते तो उनका भी भला होता और देश का भी भला होता.’’योग को हराम करार देने वाले दारल उलूम देवबंद के एक कथित फतवे के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘फतवा तो हिन्दुस्तान में ठेले पर बिकने वाली सब्जी की तरह हो गया है. फतवा जिसे खरीदना हो, खरीद ले…मुझे लगता है कि फतवों का सम्मान खत्म किया जा रहा है.’’
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के कुछ ‘सियासी सूरमा’ मुसलमानों को भाजपा के खिलाफ भडकाने का उपक्रम कर रहे हैं. इसका मोदी सरकार पर कोई असर नहीं होगा. सचाई यह है कि मुसलमान पिछले पांच-छह दशक से विकास से महरुम किये गये. मोदी सरकार सभी को साथ लेकर चलेगी, जिसका फायदा मुसलमानों को भी होगा.
उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों बेगम हजरत महल, अम्मा बी और अशफाक उल्ला खां के नाम पर योजनाएं चलाएगी. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि राममंदिर का मुद्दा उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. उसके निर्णय के बाद ही उस दिशा में कुछ किया जाएगा.
विदेशी बैंकों में जमा काले धन के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा ‘‘काला धन वापस लाया जाएगा, यह हमारा संकल्प है. मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में सबसे पहले यही फैसला किया गया कि काले धन की वापसी में पैदा होने वाली बाधाओं को खत्म करना है. इसके लिये एसआईटी बनायी गयी. हमने पिछले सत्र में काले धन के सम्बन्ध में एक मजबूत कानून भी बनाया है. आने वाले समय में दुनिया के किसी भी कोने में जहां भी काला धन होगा तो ना तो वह धन बचेगा और ना उसे जमा करने वाले कुबेर बचेंगे.’’ देश में दाल के दामों में तीव्र बढोत्तरी के सवाल पर महंगाई पर उन्होंने कहा कि महंगाई नियंत्रण करने की दिशा में हम काफी तेजी से आगे बढे हैं. कुछ जगहों पर कुछ चीजों के दामों में बढोत्तरी हुई है तो उस पर नियंत्रण करेंगे, इसका विश्वास दिलाते हैं. एक साल में बाजार आसमान पर नहीं जाने दिया गया है. जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.

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