नयी दिल्ली : दक्षिणी राज्यों में यूरिया की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नाफ्था को कच्चेमाल के रूप में इस्तेमाल कर यूरिया बनाने वाले तीन संयंत्रों को पाइपलाइन या किसी अन्य माध्यम से गैस उपलब्ध होने तक यूरिया उत्पादन जारी रखने की आज मंजूरी दी.
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मंत्रिमंडल ने नाफ्था आधारित तीन यूरिया संयंत्रों को उत्पादन जारी रखने की मंजूरी दी
नयी दिल्ली : दक्षिणी राज्यों में यूरिया की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नाफ्था को कच्चेमाल के रूप में इस्तेमाल कर यूरिया बनाने वाले तीन संयंत्रों को पाइपलाइन या किसी अन्य माध्यम से गैस उपलब्ध होने तक यूरिया उत्पादन जारी रखने की आज मंजूरी दी. उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने यहां संवाददाताओं […]
उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘ आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मद्रास फर्टिलाइजर्स (एमएफएल), मंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (एमसीएफएल) और सदर्न पेट्रोकेमिकल इंडस्टरीज कारपोरेशन (एसपीआईसी) से नाफ्था का उपयोग कर यूरिया का उत्पादन जारी रखने को आज मंजूरी प्रदान की.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ दक्षिणी राज्यों में उर्वरक की निर्बाध रूप से आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय किया गया है. कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की कुल जरूरत 23 लाख टन की है और इन तीन संयंत्रों का सालाना यूरिया उत्पादन 15 लाख टन है.’’ संशोधित नई मूल्य निर्धारण योजना (एनपीएस)-3 के तहत एमएफएल-मनाली, एमसीएफएल-मंगलोर और एसपीआईसी-तूतिकोरिन को पिछले साल 30 जून तक नाफ्था का उपयोग कर यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति दी गई थी जिसे मंत्रिमंडल द्वारा बाद में दो बार समय विस्तार दिया गया.
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