कैबिनेट की बैठक में गन्ना किसानों और चीनी मिलों को राहत, ब्याज मुक्त ऋण की मंजूरी
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गये तथा कई परियोजनाओं की मंजूरी दी गयी.सरकार ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) के तहत मध्य प्रदेश व तेलंगाना के लिए 4,720.92 करोड रुपये की राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दे […]
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गये तथा कई परियोजनाओं की मंजूरी दी गयी.सरकार ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) के तहत मध्य प्रदेश व तेलंगाना के लिए 4,720.92 करोड रुपये की राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी.
बयान में कहा गया है, ‘‘सीसीईए ने मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग -3 पर गुना-बियोडा और बियोडा-देवास खंड को चार लेन का करने की मंजूरी दे दी है. इस पर अनुमानत: 2,815.69 करोड रपये की लागत आएगी.’’यह परियोजना एनएचडीपी चरण चार के तहत डिजाइन, निर्माण, वित्त, परिचालन एवं स्थानांतरण आधार पर बीओटी (टोल) में पूरी की जाएगी.
बयान में कहा गया है कि गुना-बियोडा खंड पर अनुमानत: 1,081.9 करोड रुपये की लागत आएगी. इसमें भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास व पुनस्र्थापना व निर्माण पूर्व की अन्य गतिविधियां शामिल हैं. इस सडक की कुल लंबाई लगभग 93.5 किलोमीटर होगी.
यूरिया बनाने वाले तीन संयंत्रों को जारी रखने की मंजूरी
दक्षिणी राज्यों में यूरिया की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नाफ्था को कच्चेमाल के रुप में इस्तेमाल कर यूरिया बनाने वाले तीन संयंत्रों को पाइपलाइन या किसी अन्य माध्यम से गैस उपलब्ध होने तक यूरिया उत्पादन जारी रखने की आज मंजूरी दी.
उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘ आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मद्रास फर्टिलाइजर्स (एमएफएल), मंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (एमसीएफएल) और सदर्न पेट्रोकेमिकल इंडस्टरीज कारपोरेशन (एसपीआईसी) से नाफ्था का उपयोग कर यूरिया का उत्पादन जारी रखने को आज मंजूरी प्रदान की.’’उन्होंने कहा, ‘‘ दक्षिणी राज्यों में उर्वरक की निर्बाध रुप से आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय किया गया है. कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की कुल जरुरत 23 लाख टन की है और इन तीन संयंत्रों का सालाना यूरिया उत्पादन 15 लाख टन है.’’
संशोधित नई मूल्य निर्धारण योजना (एनपीएस)-3 के तहत एमएफएल-मनाली, एमसीएफएल-मंगलोर और एसपीआईसी-तूतिकोरिन को पिछले साल 30 जून तक नाफ्था का उपयोग कर यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति दी गई थी जिसे मंत्रिमंडल द्वारा बाद में दो बार समय विस्तार दिया गया.
चीनी मिलों के लिए 6,000 करोड रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मंजूर
सरकार ने चीनी मिलों के लिए 6,000 करोड रुपये का ब्याज मुक्त ऋण आज मंजूर किया ताकि उनके लिए किसानों को गन्ने का कुछ बकाया चुकाने में आसानी हो सके. मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया करीब 21,000 करोड रुपये तक पहुंच गया है.आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय किया गया. इससे सरकारी खजाने पर करीब 600 करोड रपये का बोझ आएगा.
सडक परिवहन राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ चीनी मिलें अधिक उत्पादन एवं कम कीमत की वजह से किसानों को भुगतान नहीं कर पा रही हैं. गन्ना किसानों का बकाया 21,000 करोड रुपये तक पहुंच गया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार ने किसानों के लिए 6,000 करोड रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मंजूर किया है. चीनी मिलें किसानों की सूची तैयार करेंगी और उसके आधार पर बैंकों द्वारा राशि सीधे किसानों के जनधन खातों में हस्तांतरित की जाएगी.’’केंद्र सरकार चीनी विकास कोष (एसडीएफ) से 600 करोड रुपये के ब्याज का बोझ वहन करेगी. बकाया राशि जून तक दे दी जाएगी.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘ सीसीईए ने फैसला किया है कि इसमें मिलों से एक साल तक यह कर्ज की वसूली नहीं की जाएगी. छूट की इस अवधि के में इस ऋण पर ब्याज का बोझ सरकार उठाएगी. यह बोझ 600 करोड रुपये तक होगा.’’आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने यह निर्णय भी किया कि ऋण उन्हीं इकाइयों को उपलब्ध कराया जाएगा जो 30 जून, 2015 से पहले बकाए का कम से कम 50 प्रतिशत भुगतान कर देती हैं.
यह दूसरी बार है जब केंद्र नकदी संकट से जूझ रही चीनी मिलों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करा रहा है. दिसंबर, 2013 में संप्रग सरकार ने गन्नों किसानों के बकाए का भुगतान करने के लिए 6,600 करोड रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया था.