कानून के चक्कर में पडे पूर्व कानून मंत्री तोमर, अवध यूनिवर्सिटी ने भी उनकी डिग्री को दिया फर्जी करार

नयी दिल्ली, लखनऊ : धोखाधड़ी से कानून की डिग्री हासिल के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फैजाबाद अवध यूनिवर्सिटी की डिग्री फर्जी है. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी ने कहा की दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री फर्जी है. यूनिवर्सिटी ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2015 4:39 PM

नयी दिल्ली, लखनऊ : धोखाधड़ी से कानून की डिग्री हासिल के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फैजाबाद अवध यूनिवर्सिटी की डिग्री फर्जी है. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी ने कहा की दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री फर्जी है. यूनिवर्सिटी ने कहा कि तोमर की बीएससी की मार्कशीट और डिग्री सब फर्जी है. इसके पहले भागलपुर यूनिवर्सिटी ने भी उनकी डिग्री को फर्जी करार दिया है.

इसके पहले तोमर को पुलिस लखनऊ एक्सप्रेस से उत्तर प्रदेश ले गयी. आज पुलिस तोमर को लेकर फैजाबाद पहुंची. प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्हें अवध यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एस एल मौर्या के सामने पेश किया गया है, जहां उनकी डिग्रियों और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल के लिए पूछताछ की गयी.

तोमर चार दिनों की रिमांड पर हैं और समझा जा रहा है कि इन्हीं चार दिनों के अंदर दिल्ली पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए फैजाबाद के अलावा भागलपुर, मुंगेर और बुंदेलखंड भी ले जा सकती है.तोमर के वकील ने उनकी जमानत के लिए सेशंस कोर्ट का रुख किया हालांकि उनकी अर्जी को कोर्ट ने ठुकरा दिया है जिस कारण तोमर की अर्जी की सुनवाई आज नहीं हो सकी. उनकी अर्जी पर कल सुनवाई संभव है.

लखनऊ रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद तोमर ने कहा कि मेरी डिग्री बिल्कुल सही है. यह सब केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है. तोमर की गिरफ्तारी के तत्काल बाद सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र पर हमला बोलते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया. इधर दिल्ली पुलिस के पीआरओ रंजन भगत ने बताया कि तोमर को बिहार भी ले जाया जायेगा, लेकिन कब व कैसे ले जाया जायेगा, यह अभी तय नहीं है.इधर, कई अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात करेंगे.

गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने तोमर को साकेट कोर्ट में पेश कर पांच दिनों का रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट ने चार दिनों की रिमांड ही मंजूर की. कोर्ट में तोमर की तरफ से जिरह करते हुए एडवोकेट एचएस फुल्का ने इसका पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस का केस आरटीआइ के जरिये हासिल की गयी सूचना पर आधारित है. आरटीआइ में जिस रोल नंबर का जिक्र था, वह जितेंद्र तोमर का नहीं था. लेकिन, कोर्ट ने उनकी यह दलील नहीं मानी. इसके पहले दिल्ली पुलिस ने आप के नेता को उनके घर से गिरफ्तार किया. पुलिस तोमर को हौजखास थाने ले गयी.

पूछताछ में सहयोग नहीं करने के बाद उन्हें वसंत विहार थाने ले जाया गया. वसंत विहार थाने में ही डिग्री विवाद को लेकर सोमवार की रात केस दर्ज किया गया है. गिरफ्तारी के विरोध में आप के नेता थाने के बाहर धरने पर बैठ गये. तोमर को ऐसे समय पर गिरफ्तार किया गया है, जब दिल्ली में शक्तियों को लेकर आप सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच पहले ही तनातनी चल रही है. तोमर का दावा है कि उन्होंने बिहार के तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की है, जबकि दूसरे पक्ष का आरोप है कि यह डिग्री फर्जी है.

मंत्री की गिरफ्तारी के तत्काल बाद आप नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि यह विधिवत निर्वाचित विधायक और एक मंत्री के खिलाफ असंवैधानिक कदम है. इधर, आप सरकार ने आज केंद्र पर आरोप लगाया कि सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच फिर से खोले जाने के कारण वह अपने तानाशाही कृत्यों से आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर रही है. मोदी सरकार हमें डरा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं. संबंधित विश्वविद्यालय ने अदालत में यह बयान भी दर्ज किया है कि डिग्री सही है. तो फिर उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया. यह मोदी सरकार द्वारा आप को सबक सिखाने की एक कोशिश है.

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