भूमि अधिग्रहण विधेयक पर किसान नेताओं ने जेटली से मुलाकात की

नयी दिल्ली: राजग में शामिल सहयोगी दल स्वाभिमानी शेतकारी संगठन समेत विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने आज केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की और भूमि अधिग्रहण विधेयक में सहमति के प्रावधान को बहाल करने तथा अभी तक अधिगृहीत जमीन की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2015 8:20 PM

नयी दिल्ली: राजग में शामिल सहयोगी दल स्वाभिमानी शेतकारी संगठन समेत विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने आज केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की और भूमि अधिग्रहण विधेयक में सहमति के प्रावधान को बहाल करने तथा अभी तक अधिगृहीत जमीन की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि जेटली ने किसानों की चिंताओं पर ध्यान देते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनकी जमीन छीनना नहीं चाहती और इस जटिल मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा, जिससे किसान संतुष्ट हों.

प्रतिनिधिमंडल ने विधेयक के अनेक पहलुओं को लेकर मंत्री को ज्ञापन सौंपा. सरकार का दावा है कि 65 से अधिक किसान संगठनों से परामर्श करने के बाद विधेयक पर सहमति बनी.

लोकसभा सांसद और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने मंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘जेटली ने हमें आश्वासन दिया कि सरकार भी किसानों की जमीन हडपना नहीं चाहती. उन्होंने हमें ऐसा समाधान निकालने का भी आश्वासन दिया जिसमें किसान संतुष्ट हों.’’ 65 किसान संगठनों के संघ ‘ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी’ ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के एक प्रावधान को बनाये रखना चाहिए जिसके तहत यदि भूमि का इस्तेमाल पांच साल उस उद्देश्य से नहीं होता है, जिसके लिए इसका अधिग्रहण किया गया है तो इसे मूल स्वामी को लौटा दिया जाएगा.

उन्होंने सरकार से यह मांग भी की कि पिछले 60-65 सालों में अनेक परियोजनाओं के लिए किसानों से अधिगृहीत जमीन के इस्तेमाल की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी किया जाए.विधेयक पर फिलहाल संसद की एक संयुक्त समिति विचार-विमर्श कर रही है. जिसकी अभी तक तीन बैठकें हो चुकी हैं.

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