भविष्य की संयुक्त कार्रवाई पर विचार विमर्श के लिए आजित डोभाल म्यामांर जायेंगे
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विद्रोहियों के विरुद्ध भविष्य में और संयुक्त कार्रवाई को अंजाम देने के बारे में विचार विमर्श के लिए जल्द ही म्यामांर जायेंगे. गौरतलब है कि इस जानकारी का खुलासा ऐसे समय किया गया जब एक दिन पहले ही भारतीय सेना ने पडोसी देश में विद्रोहियों के खिलाफ सटीक […]
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विद्रोहियों के विरुद्ध भविष्य में और संयुक्त कार्रवाई को अंजाम देने के बारे में विचार विमर्श के लिए जल्द ही म्यामांर जायेंगे. गौरतलब है कि इस जानकारी का खुलासा ऐसे समय किया गया जब एक दिन पहले ही भारतीय सेना ने पडोसी देश में विद्रोहियों के खिलाफ सटीक हमला किया था.
उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया भारत म्यामांर सीमा पर कल हुए अभियान की योजना में समीप से जुडे रहे डोभाल इस यात्रा पर जायेंगे ताकि पूर्वोत्तर के विद्रोहियों के खिलाफ भविष्य में संयुक्त कार्रवाई के लिए वहां अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया जा सके.उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारें एवं सेनाएं इस मुद्दे पर नजदीकी एवं निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं. म्यामांर में भारत के राजदूत गौतम मुखोपाध्यान ने राजधानी ने पी ताओ में म्यामांर की सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभियान पश्चात की स्थिति का जायजा लिया.
सूत्रों ने बताया कि कल के हमले के लिए भारत ने सीमा सहयोग के बारे में म्यामांर के साथ मई 2014 में हुए सीमा समझौते का सहारा लिया.भारत एवं म्यामांर ने पिछले साल आठ मई को सीमा सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये थे. इसमें सुरक्षा सहयोग का प्रारुप बनाया गया और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान का प्रावधान किया किया गया. इस करार का एक प्रमुख प्रावधान है कि दोनों देशों के सशस्त्र बल अंतरराष्ट्रीय सीमा के अपने अपने क्षेत्रों एवं समुद्री सीमाओं में समन्वित गश्त करेंगे.
सूर्योदय से पहले सीमा पार हुए इस अभियान में सेना के प्रख्यात कमांडो ने वायु सेना के साथ तालमेल कर म्यामांर की भूमि पर विद्रोहियों के दो शिविरों को नष्ट कर दिया. इन शिविरों में एनएससीएन (के) एवं केवाईकेएल संगठनों के वे संदिग्ध विद्रोही छिपे थे जिन्होंने पिछले हफ्ते मणिपुर एवं अरुणाचल प्रदेश में हमले किये थे.