सचिवों की नियुक्ति और स्थानांतरण मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के उस फैसले को निरस्त कर दिया है, जिसमें प्रदेश सरकार ने मुख्य सचिव (गृह और भूमि एवं भवन) धर्म पाल को केंद्र में उनके मूल काडर में वापस भेजने का निर्देश दिया था.केंद्र ने इस निर्णय को कानूनी रुप से अवैध करार देते हुए जोर […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के उस फैसले को निरस्त कर दिया है, जिसमें प्रदेश सरकार ने मुख्य सचिव (गृह और भूमि एवं भवन) धर्म पाल को केंद्र में उनके मूल काडर में वापस भेजने का निर्देश दिया था.केंद्र ने इस निर्णय को कानूनी रुप से अवैध करार देते हुए जोर दिया कि एजीएमयूटी काडर के अधिकारियों को स्थानांतरित करने का अधिकार केवल केंद्र के पास है.गृह मंत्रालय ने 1992 बैच के एजीएमयूटी काडर के आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार को दिल्ली सरकार का नया सचिव (भूमि एवं भवन) नियुक्त करने को भी रद्द कर दिया.
वहीं दिल्ली के गृह सचिव के स्थानांतरण पर अपना रुख कडा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया कि शीर्ष नौकरशाहों को अतिरिक्त प्रभार देने का अधिकार उनकी सरकार के दायरे में है और ऐसे मामलों में उसे दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए.
मंगलवार को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी धर्मपाल को गृह सचिव पद से हटा कर आप सरकार ने केंद्र में वापस भेज दिया था. सेवा विभाग के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को शीर्ष पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया.
गृह मंत्रालय द्वारा 10 जून को दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव को भेजे आदेश में कहा गया है, डीओपीटी ने अखिल भारतीय सेवा (संयुक्त काडर) नियम 1972 के तहत एजीएमयूटी काडर के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में एक संयुक्त काडर का गठन किया है जो एआईएस (जेसीए 1972) के नियम 5 के तहत नौ घटकों में शामिल हैं. इसलिए एजीएमयूटी काडर के अधिकारियों का स्थानांतरण एक घटक से दूसरे घटक में करने का सक्षम प्राधिकार जेसीए है. जेसीए में दिल्ली, अरुणाचलप्रदेश, मिजोरम और गोवा के प्रधान सचिव शामिल होते हैं जबकि केंद्रीय गृह सचिव इसकी अध्यक्षता करते हैं.
यह आईएएस अधिकारियों की सेवाओं पर विचार करने के बाद प्रत्येक प्रशासन के आग्रह और मांग के आधार पर किसी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों आईएएस अधिकारी आवंटित करता है.
आदेश में कहा गया है कि इसके घटक दिल्ली सरकार के पास किसी नियम या कानून के तहत एजीएमयूटी काडर के किसी अधिकारी की सेवा गृह मंत्रालय में लगाने का अधिकार नहीं है.
मंत्रालय ने शर्मा को दिये निर्देश में कहा, ह्यह्यइसलिए जीएनसीटीडी द्वारा जारी आदेश संख्या 296 और आदेश संख्या 297 (धर्म पाल को गृह मंत्रालय वापस भेजने और अन्य अधिकारी को प्रभार देने) कानूनी रुप से अवैध है और इसी के अनुरुप आपको गृह मंत्रालय और दिल्ली के एलजी की सूचना के तहत आदेश संख्या 296 और 297 को तत्काल प्रभाव से निष्प्रभावी बनाने का आदेश दिया जाता है.