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एनजीटी ने हरियाणा से कहा, यमुना में 10 क्यूमेक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने आज हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि राज्य के हथिनीकुंड से होकर निकलने वाली यमुना नदी में 10 क्यूसेक जल के न्यूनतम प्रवाह की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘मैली से निर्मल यमुना संरक्षण परियोजना 2017’ के क्रियान्वयन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2015 2:59 AM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने आज हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि राज्य के हथिनीकुंड से होकर निकलने वाली यमुना नदी में 10 क्यूसेक जल के न्यूनतम प्रवाह की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.

एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘मैली से निर्मल यमुना संरक्षण परियोजना 2017’ के क्रियान्वयन की निगरानी करते हुए यमुना के प्राकृतिक ‘‘पारिस्थितिकी’’ प्रवाह बनाए रखने में उसके चिंतित रुख पर हरियाणा सरकार की खिंचाई की.
एजनीटी ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश को यमुना में न्यूनतम प्रवाह के मुददे को सुलझाने के लिए प्रधान समिति के प्रमुख शशि शेखर के सामने हाजिर होने का निर्देश दिया.

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