15 व 16 जून को छत्तीसगढ में किसानों का हाल जानेंगे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
रायपुर : कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के हितों की अपनी लडाई अगले सप्ताह आदिवासी बहुल छत्तीसगढ में लेकर आएंगे, जहां वह कोयला खदानों के कारण हुए विस्थापन और भूमि अधिग्रहण के एवज में मिलने वाले मुआवजे समेत कई मुद्दों पर सत्तारुढ भाजपा को घेरने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस ने 15 और 16 जून […]
रायपुर : कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के हितों की अपनी लडाई अगले सप्ताह आदिवासी बहुल छत्तीसगढ में लेकर आएंगे, जहां वह कोयला खदानों के कारण हुए विस्थापन और भूमि अधिग्रहण के एवज में मिलने वाले मुआवजे समेत कई मुद्दों पर सत्तारुढ भाजपा को घेरने की कोशिश करेंगे.
कांग्रेस ने 15 और 16 जून को राहुल गांधी के छत्तीसगढ के कोबरा और जांजगीर-चांपा जिलों के व्यापक दौरे की योजना बनाई है और इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रबंध करने आरंभ कर दिए हैं. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख भूपेश बघेल ने भाषा से कहा, इससे पहले राहुल गांधी का राज्य का दौरा 14 और 15 जून को प्रस्तावित था लेकिन अब यह दौरा 15 और 16 जून को होगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस यात्रा को सफल बनाने के लिए तैयारियां करनी शुरू कर दी है. बघेल ने कहा कि राहुल अपना दौरा कोरबा जिले के कुदमुरा गांव से शुरू करेंगे जो राज्य की राजधानी रायपुर से 300 किलोमीटर दूर स्थित है. वह वहां इलाके में जंगली हाथियों के खतरे से परेशान ग्रामीणों से मुलाकात करेंगे.
उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों के दौरान जंगली हाथियों के हमलों में इलाके में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि इस दौरान ग्रामीणों के खुद को बचाने के संघर्ष में 35 से 40 हाथी मारे गए हैं. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि राज्य सरकार जंगली हाथियों और लोगों के रहने के लिए सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करने की दिशा में एक उचित योजना बनाने में असफल रही है.
बघेल ने बताया कि इसके बाद राहुल हसदेव-अरण्ड कोयला क्षेत्र में कोयला खदानों से प्रभावित ग्रामीणों से मिलेंगे. उन्होंने दावा किया कि कोयला परियोजनाओं से प्रभावित ग्रामीणों ने भूमि के एवज में मुआवजा दिए जाने या अतीत के विस्थापन का विरोध करने के लिए कलेक्टरों और अन्य अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अब तक उनकी बात किसी ने नहीं सुनी. बघेल ने बताया कि राहुल 16 जून को सरडीह गांव से डभरा तक किसानों, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ करीब 12 किलोमीटर की पद यात्रा करेंगे.
उन्होंने कहा, जांजगीर-चांपा में 40 से अधिक प्रस्तावित विद्युत संयंत्रों की जलापूर्ति के लिए राज्य सरकार सरडीह, बिराओनी, कलमा और बसंतपुर गांवों समेत महानदी पर सात बराज बना रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन बांधों के कारण लगभग 10 गांव ऐसे इलाके में आ रहे हैं जो पानी में डूब जाएगा लेकिन अभी तक स्थानीय प्रशासन ने इस बारे में न तो ग्रामीणों को सूचित किया है और न ही उनके रहने की व्यवस्था करने के लिए कोई कदम उठाए हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष जांजगीर-चांपा में विद्युत परियोजनाओं के कारण अपनी जमीन गंवा चुके किसानों से बात करने के लिए चौपाल का आयोजन करेंगे.