दिल्ली हार्इ कोर्ट ने दिल्ली सरकार को DMC कर्मियों को तुरंत वेतन भुगतान का दिया आदेश
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य संबंधी महामारी को लेकर आगाह करते हुए आज स्थानीय सरकार को निर्देश दिया कि वह पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को मई महीने के वेतन के भुगतान के लिए तत्काल धन जारी करे. साथ ही अदालत ने टिप्पणी की कि दिल्ली सरकार को विधानसभा का आपात सत्र […]
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य संबंधी महामारी को लेकर आगाह करते हुए आज स्थानीय सरकार को निर्देश दिया कि वह पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को मई महीने के वेतन के भुगतान के लिए तत्काल धन जारी करे. साथ ही अदालत ने टिप्पणी की कि दिल्ली सरकार को विधानसभा का आपात सत्र बुलाना चाहिए क्योंकि यह ‘गंभीर’ मुद्दा है.
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘गरीब लोगों को वेतन का क्यों इंतजार करना चाहिए? हमने अतीत में किए वादों का संज्ञान लिया. लोग जमीनी स्तर पर परेशानी झेल रहे हैं. वेतन के बिना वे काम क्यों करें? ’’ इसके साथ ही न्यायालय ने ‘खतरनाक अनुपात’ में सडकों पर पडे कूडे को तत्कान हटाने का निर्देश दिया. सफाई कर्मचारियों की हडताल के कारण दिल्ली की सडकों पर कूडे के ढेर लग गये हैं.
उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार की इस दलील पर अप्रसन्नता व्यक्त की कि विधान सभा के बजट सत्र में धन जारी करने के बारे में फैसला किया जायेगा. अदालत ने कहा, ‘‘यह कहना अनुचित है कि हम सदन के सत्र का इंतजार करेंगे. आपात सत्र बुलाइए. यह गंभीर मुद्दा, स्वास्थ्य संबंधी महामारी से जुडा है.’’
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति आई एस मेहता की पीठ ने कूडा हटाने के मुद्दे पर पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह कम से कम उपनिरीक्षक स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में विशेष कार्य बल का गठन करें जो इसकी निगरानी करेगा कि वार्ड स्तर पर कूडा सही ढंग से हटाया गया है.
अदालत ने सफाई कर्मचारियों के संगठनों को ढलावों से कूडा हटाने में रुकावट पैदा करने से भी रोक दिया. यह काम निजी एजेंसियों को आउटसोर्स किया जाता है.