नेस्ले को अदालत से नहीं मिली राहत, मैगी पर पाबंदी बरकरार

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई तथा महाराष्ट्र सरकार की ओर से मैगी नूडल्स उत्पाद की नौ किस्मों पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का अनुरोध ठुकराते हुए नेस्ले इंडिया को राहत प्रदान करने इंकार कर दिया. स्विस बहुराष्ट्रीय कंपनी की भारतीय शाखा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति वी एम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2015 9:34 PM

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई तथा महाराष्ट्र सरकार की ओर से मैगी नूडल्स उत्पाद की नौ किस्मों पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का अनुरोध ठुकराते हुए नेस्ले इंडिया को राहत प्रदान करने इंकार कर दिया.

स्विस बहुराष्ट्रीय कंपनी की भारतीय शाखा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति वी एम कनाडे और न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला की खंडपीठ ने कहा कि यह उत्पाद (मैगी) पहले ही दुकानों से बाहर है और ऐसी स्थिति में इस समय प्रतिबंध संबंधी आदेश पर रोक लगाने का कोई जरुरत नहीं है.

नेस्ले ने एफएसएसएआई के पांच जून का आदेश रद्द करने का अनुरोध किया था। इस आदेश में कहा गया है कि कंपनी बाजार से मैगी नूडल्स की नौ किस्मों को वापस ले क्योंकि वे असुरक्षित और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं.नेस्ले ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए आदेश पर भी सवाल किये थे.

पीठ ने कहा कि प्रशासन को प्रक्रिया संबंधी खामियों और नेस्ले की ओर से जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने की स्थिति में कंपनी के खिलाफ मुकदमा चलाने का अधिकार है.

बहरहाल, अदालत ने कहा कि अगर एफएसएसएआई नेस्ले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही आरंभ करना चाहती है तो उसे इस कंपनी को 72 घंटे का नोटिस देना चाहिए.पीठ ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वे दो सप्ताह के भीतर कंपनी की याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करें.

अदालत इस मामले में अब 30 जून को सुनवाई करेगी. कंपनी ने कहा कि आदेश में उसे इस उत्पाद के उत्पादन, प्रसंस्करण, आयात, वितरण एवं बिक्री पर तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी निर्देश दिया गया था.

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