जम्मू-कश्मीर : गिलानी को किया गया नजरबंद, हुर्रियत के करीबी की गोली मारकर हत्या
श्रीनगर : कश्मीर में अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को आज नजरबंद कर लिया गया है. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद अलगाववादियों ने पाकिस्तान और आईएस के झंडे लहराए जिसके बाद यहां का माहौल एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया. इस घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनजर शनिवार को गिलानी को नजरबंद […]
श्रीनगर : कश्मीर में अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को आज नजरबंद कर लिया गया है. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद अलगाववादियों ने पाकिस्तान और आईएस के झंडे लहराए जिसके बाद यहां का माहौल एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया. इस घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनजर शनिवार को गिलानी को नजरबंद किया गया.
इधर, टीवी रिपोर्ट के अनुसार कल रात सोपोर में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है. युवक का नाम खुर्शिद अहमद बताया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार वह हुर्रियत का करीबी था. उसपर अज्ञात हमलावरों ने गोली चलाई जिसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गया और बाद में उसने दम तोड़ दिया. घटना शुक्रवार रात की है. मृतक दुकान बंद करके अपने घर जाने की तैयारी कर रहा था.
लहराये गए आइएसआइएस के झंडे
कश्मीर में अलगावादियों की हिमाकत बढ़ते ही जा रही है. शुक्रवार को एक बार फिर यहां पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए. इस बार उन्होंने आतंकी संगठन आइएसआइएस का झंडा भी फहराया जब पुलिस ने उनको पकड़ने का प्रयास किया, तो उनकी ओर से पथराव किया गया. पुलिस पर पथराव करते हुए भागने में अलगावादी कामयाब रहे. कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों के दौरान कम से कम दो स्थानों पर आतंकवादी समूह आइएसआइएस और पाकिस्तान का झंडा फहराया गया.
मसर्रत की रिहाई के बाद से तनावपूर्ण है माहौल
कश्मीर घाटी में मसर्रत आलम की रिहाई के बाद से पाकिस्तान के समर्थक सक्रिय हो गये हैं. राज्य में भाजपा और पीडीपी की सरकार बनने के बाद लगभग साढ़े चार साल के बाद मर्सरत आलम की रिहाई हुई. हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता और मुस्लिम लीग के चेयरमैन 44 वर्षीय मसर्रत ने रिहाई के बाद एक बार फिर अपना पाकिस्तान प्रेम दिखलाना शुरू किया और हुर्रियत की रैली में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जिसके बाद एक बार फिर जम्मू कश्मीर पुलिस ने मसर्रत आलम के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेन्शन) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और उसे जेल में डाल दिया. मसर्रत आलम 1990 से लेकर अबतक लगभग 19 साल जेल में गुजार चुके हैं.
मैं जन्म से भारतीय नहीं, मजबूरी में भारतीय हूं : गिलानी
आपको बता दें कि कश्मीरी अलगाववादी नेता सैय्यद अली गिलानी यह कह चुके हैं कि वह जन्म से भारतीय नहीं है और यात्रा के लिए भारतीय पासपोर्ट हासिल करना उनकी मजबूरी है. श्रीनगर में पासपोर्ट कार्यालय के बाहर गिलानी ने पिछले दिनों पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं जन्म से भारतीय नहीं हूं. और भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा करना मेरी मजबूरी है.