देहरादून : फर्जी दस्तावेज के जरिये भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के मामले में बाबा रामदेव के करीबी सहयोगी बालकृष्ण पर आज भी आरोप तय नहीं हो पाये और इसके लिये अदालत ने अब 15 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. एक वकील की मृत्यु के शोक में आज यहां अदालतों में कामकाज नहीं किया गया जिसकी वजह से आज भी बालकृष्ण पर आरोप तय नहीं किये जा सके. हालांकि बालकृष्ण खुद तय समय पर अदालत पहुंच गये थे.
बालकृष्ण के वकील प्रवीण सेठ ने बताया कि अदालत ने आरोप तय करने के लिये अगली तारीख 15 अक्टूबर तय की है. सीबीआई की विशेष न्यायिक अदालत में चल रहे मामले में गत 13 सितंबर को ही आरोप तय किये जाने थे लेकिन सह आरोपी नरेश चंद्र द्विवेदी के अदालत में हाजिर होने के लिये और समय दिये जाने का अनुरोध मानते हुए मजिस्ट्रेट प्रीतू शर्मा ने 24 सितंबर की तारीख निर्धारित की थी. मामले की तहकीकात कर सीबीआई ने पिछले साल 10 जुलाई को चाजर्शीट दाखिल की थी और उसके बाद 20 जुलाई को बालकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया गया था.
फिलहाल, बालकृष्ण जमानत पर रिहा चल रहे हैं. चाजर्शीट में सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के खुर्जा में स्थित संस्कृत महाविद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य द्विवेदी को बालकृष्ण को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने का दोषी मानते हुए उन्हें भी मामले में सह आरोपी बनाया है.
सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी सहित भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है जबकि बालकृष्ण के विरुद्व भारतीय पासपोर्ट अधिनियम के अन्तर्गत भी मुकदमा दर्ज है.