पूर्व सैनिक वन रैंक लडाई को चुनाव होने वाले राज्य बिहार ले जाएंगे
नयी दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन के लंबित वादे को पूरा करने की मांग को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बढाने के लिए दृढ पूर्व सैनिकों ने विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में एक विशाल रैली करने का फैसला किया है. देश भर में करीब 20 शहरों में पूर्व सैनिकों के समूहों के क्रमिक भूख […]
नयी दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन के लंबित वादे को पूरा करने की मांग को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बढाने के लिए दृढ पूर्व सैनिकों ने विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में एक विशाल रैली करने का फैसला किया है.
देश भर में करीब 20 शहरों में पूर्व सैनिकों के समूहों के क्रमिक भूख हडताल पर बैठने के बीच यह फैसला किया गया है. इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट (आईईएसएम) के मीडिया सलाहकार कर्नल अनिल कौल (सेवानिवृत) ने बताया, हम अपनी अगली महासंग्राम रैली बिहार में करेंगे. हम वन रैंक वन पेंशन की अपनी उचित और वादे के मुताबिक मांग पूरी होने तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल सितंबर-अक्तूबर में होने की संभावना है. भाजपा का जदयू-राजद गठजोड से कडा मुकाबला है, जिसका राज्य में कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन होने की बात है.
पूर्व सैनिकों का मानना है कि बिहार के अलावा वे लोग पंजाब में भी मजबूत हैं जहां 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं. मोदी सरकार ने कहा है कि यह वन रैंक वन पेंशन को लेकर प्रतिबद्ध है जो लोकसभा चुनाव के दौरान एक प्रमुख वादा था. हालांकि, इसने अभी तक इसे लागू नहीं किया है.
पूर्व सैनिकों ने आरोप लगाया कि हाल के मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने पूर्व सैनिकों को भरोसा दिलाया था कि उनकी सरकार वन रैंक मुद्दे का जल्द हल करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने उन्हें छोड दिया है, आईईएसएम के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत) ने कहा, ह्यह्यसवाल आश्वासनों का सम्मान करने का है और अब तक उन्हें जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया गया है. यही कारण है कि हमें लगता है कि सरकार ने हमसे जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया है. यहां तक कि सरकार का कहना है कि वह वन रैंक वन पेंशन को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है पर योजना के देर होने के कारण के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
रक्षा मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि वन रैंक वन पेंशन की फाइल बजटीय मंजूरी को लेकर वित्त मंत्रालय के पास है.