मुंबई : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भाजपा से अपदस्थ करने के लिए एक ‘‘राजनीतिक खेल’’ के तहत निशाना बनाये जाने का दावा करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए तथा यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश देना चाहिए कि वह कौन है जो सुषमा की ‘‘साफ सुथरी’ प्रतिष्ठा को ‘‘नुकसान’’ पहुंचाना चाहता है. घोटाले आरोपों में घिरे पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी की यात्र दस्तावेज हासिल करने में मदद को लेकर विवादों में घिरीं सुषमा स्वराज के समर्थन में शिवसेना पूरी तरह से उतर आई है.
पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ‘‘निर्जीव’’ है और इसकी प्रतिक्रिया बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती लेकिन ‘‘इसके पंखों को उडान देने की कोशिश कौन कर रहा है.’’ शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ऐसे हंगामा मचा रही है जैसे सुषमा ने गिरफ्तार भगोडे सरगना दाउद इब्राहिम या कसाब को जमानत लेने में मदद कर दी हो. इस विवाद को मीडिया का एक तबका हवा दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह अत्यावश्यक है कि वह यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दें कि सुषमा के 35-40 साल की साफ सुथरी राजनीतिक छवि पर कौन कीचड उछालना चाह रहा है. ’’
पार्टी ने आरोप लगाया है ‘‘सुषमा के इर्द गिर्द विवाद और सवालों के घेरे का निर्माण कर उन्हें भाजपा से अपदस्थ करने का खेल एक बडा राजनीतिक षड्यंत्र लगता है. ’’
शिवसेना ने कहा कि भविष्य में ऐसी साजिश प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी हो सकती है और उनके मंत्रिमंडल के कुछ लोगों को रणनीति के तहत परेशान किया जा रहा है. संपादकीय में कहा गया कि इसी तरह के आरोप विगत हाल में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और तब नितिन गडकरी के खिलाफ भी लगाए गए थे जब उन्होंने भाजपा अध्यक्ष के रुप में कार्यभार संभाला था.
शिवसेना ने कहा, ‘‘एक भारतीय की मदद मानवीय आधार पर की गई है. इस पर इतना कोहराम मचाने की क्या आवश्यकता है ? कांग्रेस अब निर्जीव हो चुकी है और इसलिए उसके पंख फडफडाने के भी बहुत ज्यादा मायने नहीं है. लेकिन सवाल यह है कि इन फडफडाते पंखों को उडान देने की कोशिश कौन कर रहा है.’’
पार्टी ने आगे कहा है ‘‘ यदि कोई विदेश मंत्रलय को कमजोर करने के लिए इस पर हमला कर रहा है और इस तरह मोदी सरकार का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहा है तो वह व्यक्ति अंतत: देश को नुकसान पहुंचा रहा है. यह एक बहुत बडा राजनीतिक खेल है जिसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समाप्त किए जाने की आवश्यकता है.’’