नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ‘मोदीगेट’ मामले में अपनी चुप्पी तोडते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आज दृढ बचाव किया और कहा कि उन्होंने ‘सद्भावना’ और ‘नेक नीयत’ के तहत काम किया और पूरी सरकार तथा भाजपा इस मुद्दे पर एकमत है. जेटली ने कहा, ‘सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उनके (सुषमा) और पार्टी अध्यक्ष के बयान से साफ है कि उन्होंने (सुषमा) ने जो कुछ किया, नेक नीयत से किया.’ गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा, ‘उन्होंने (सुषमा) सद्भावना के तहत काम किया. पूरी सरकार और पार्टी इस मुद्दे पर एक है. इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए.’
आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को ब्रिटेन में यात्रा दस्तावेज मुहैया कराने में मदद किए जाने के सुषमा के कदम की पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा ‘मानवीय’ बता कर बचाव किए जाने के दो दिन बाद आज जेटली उनके बचाव में उतरे. ललित मोदी पांच साल से अधिक समय से लंदन में शरण लिए हुए हैं. उन पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लांडरिंग (काले धन को वैध बनाने) और 1700 करोड रुपयों के अन्य मामलों के आरोप लगाए गए हैं और इस संबंध में जांच के लिए वह उन्हें भारत लाना चाहता है.
दिलचस्प पहलू यह है कि जम्मू कश्मीर के लिए बाढ राहत पैकेज की घोषणा करने के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन से पहले जेटली, राजनाथ सिंह और सुषमा के बीच नार्थ ब्लाक स्थित सिंह के चैंबर में लगभग एक घंटे तक चर्चा हुई. सुषमा द्वारा ललित मोदी की मदद करने के विवाद के रविवार को सुर्खियों में आने के बाद जेटली की ‘चुप्पी’ को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. यह पूछे जाने पर कि सुषमा ने क्या मोदी की मदद की कार्रवाई करने का फैसला खुद किया, जेटली ने कहा कि विभिन्न विभागों के प्रभारी सभी मंत्री निर्णय करने में सक्षम हैं और सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी निर्णयों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है.
पार्टी के कुछ लोगों की ओर से ऐसे संकेत किए जा रहे थे कि सुषमा जिस झमेले में उलझी हैं उसमें संभवत: जेटली का हाथ हो सकता है. पार्टी सांसद कीर्ति आजाद ने इसमें किसी अंदरुनी व्यक्ति का हाथ होने का इशारा करते हुए अपने ट्वीट में ‘आस्तीन के सांप’ की बात कही थी. जेटली ने हालांकि इन सवालों को टाल दिया कि ‘आस्तीन का सांप’ कौन है. इस बारे में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘अगला प्रश्न.’ यह पूछे जाने पर कि क्या ललित मोदी के पासपोर्ट को रद्द करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय अपील करेगा, जेटली ने कहा कि पासपोर्ट का मामला पासपोर्ट प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आता है. इस सवाल पर कि प्रवर्तन निदेशालय ललित मोदी मामले की जांच जारी रखेगा,
उन्होंने कहा, संबंधित व्यक्ति (मोदी) के खिलाफ कई मामलों में ईडी जांच कर रहा है और अपने अर्ध न्यायिक कार्य के तहत इस संबंध में कई कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं. वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि जांच के 16 मामलों में से 15 में कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं. यह सूचना मेरे पास है. एक की जांच जारी है.’ ललित मोदी के खिलाफ ईडी की ओर से कोई ब्लू-कार्नर नोटिस जारी किए जाने के बारे में किए गए सवाल पर उन्होंने कहा ‘ब्लू के शेड्स को लेकर भ्रम है.’ जेटली ने कहा, ‘इंटरपोल द्वारा जारी किए जाने वाले ब्लू-कार्नर नोटिस की एक प्रक्रिया है. प्रक्रिया के तहत लाइट ब्लू कार्नर नोटिस को राजस्व खुफिया निदेशालय ईडी के आग्रह पर जारी करता है. यह नोटिस 2010 में जारी किया गया था और वह नोटिस आज भी वैध है.’