छगन भुजबल के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने दर्ज किये दो मामले

नयी दिल्‍ली : महाराष्‍ट्र सदन घोटाले में एनसीपी नेता छगन भुजबल पूरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व लोक निर्माण मंत्री छगन भुजबल के खिलाफ मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत दो मामले दर्ज कर लिये हैं. मंगलवार को उनके 16 ठिकानों पर छापेमारी भी की गयी है. भुजबल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2015 3:44 PM

नयी दिल्‍ली : महाराष्‍ट्र सदन घोटाले में एनसीपी नेता छगन भुजबल पूरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व लोक निर्माण मंत्री छगन भुजबल के खिलाफ मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत दो मामले दर्ज कर लिये हैं. मंगलवार को उनके 16 ठिकानों पर छापेमारी भी की गयी है. भुजबल के खिलाफ पहला मामला महाराष्ट्र सदन घोटाला तथा कलीना में जमीन का आबंटन और दूसरा मामला नवी मुंबई में एक आवास परियोजना से संबद्ध है.

इन दोनों मामलों में भुजबल पर पैसों की घालमेल का आरोप लगाया जा रहा है. महाराष्ट्र पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भुजबल और उनके परिवार के सदस्यों की नासिक, मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में मौजूद अनेक संपत्तियों पर छापे मारे. पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री भुजबल ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा-शिवसेना सरकार अभूतपूर्व तरीके से उन्‍हें निशाना बना रही है.

संपत्ति में नासिक के पास उनका फार्महाउस ‘भुजबल फार्म’, नासिक में घर और दफ्तर, मनमाड में दफ्तर और येवला की जायदाद भी शामिल हैं जहां से वह विधानसभा सदस्य हैं. एसीबी ने एक बयान में कहा कि मुंबई में सात, ठाणे में दो, नासिक में पांच और पुणे में पांच ठिकानों पर छगन भुजबल, उनके बेटे विधायक पंकज भुजबल और भतीजे समीर भुजबल की संपत्तियों का पता लगाने के लिए छापे मारे गये.

छगन भुजबल और उनकी पत्नी मीना भुजबल, पंकज और उनकी पत्नी विशाखा, समीर भुजबल और उनकी पत्नी शैफाली की संपत्तियों पर सुबह 9:30 बजे एक साथ तलाशी शुरू हुई. जांच अधिकारी ज्ञानेश्वर अवारी के अनुसार, ‘हमने दस्तावेज एकत्रित करने के लिए तलाशी अभियान चलाया जिन्हें महाराष्ट्र सदन घोटाले के सिलसिले में अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.’ एसीबी ने इस महीने की शुरुआत में छगन भुजबल के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं. इनमें से एक नयी दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में भ्रष्टाचार से जुडी है, वहीं दूसरी मुंबई के कलीना में एक प्रमुख भूखंड के आवंटन से संबंधित है.

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