सभी के लिए आवास योजना को सरकार की मंजूरी, गरीबों को मिलेगी ब्याज में राहत

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्न आय वर्ग सहित आर्थिक रुप से कमजोर तबके के लिए 2022 तक सभी को आवास योजना को मंजूरी दे दी है. जिससे शहरी गरीबों एवं झुग्गी झोपडी में रहने वालों को कम ब्याज दर पर सस्ते मकान उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2015 12:52 AM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्न आय वर्ग सहित आर्थिक रुप से कमजोर तबके के लिए 2022 तक सभी को आवास योजना को मंजूरी दे दी है. जिससे शहरी गरीबों एवं झुग्गी झोपडी में रहने वालों को कम ब्याज दर पर सस्ते मकान उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने झुग्गी-झोपडी में रहने से जुडे लाभार्थियों को आवास ऋण पर ब्याज सहायता बढाकर 6.50 प्रतिशत तक करने की अंतर मंत्रालयी समिति की सिफारिशें स्वीकार कर ली.

मंत्रिमंडल के इस निर्णय से शहरी गरीबों को करीब 2.30-2.30 लाख रुपये तक का फायदा होगा क्योंकि इससे उनकी समान मासिक किस्त करीब 2,852 रुपये प्रति माह तक घट जाएगी. राजग सरकार की इस महती योजना को औपचारिक रुप से 25 जून को शुरु किया जायेगा और उस समय तक सरकार इसके क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी कर देगी. आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, वर्तमान में 10.50 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 15 साल की पुनर्भुगतान अवधि के छह लाख रुपये के स्वीकार योग्य ऋण पर ईएमआई 6,632 रुपये बैठती है.
मंत्रिमंडल द्वारा ऋण से जुडी 6.50 प्रतिशत की ब्याज सहायता देने के फैसले से ईएमआई घटकर 4,050 रुपये पर आ जाएगी जिससे शहरी गरीब को प्रतिमाह 2,582 रुपये का फायदा होगा. कुल मिलाकर अगले सात साल के दौरान शहरी इलाकों में 2 करोड नए मकान बनाने के लिए राष्ट्रीय शहरी आवास मिशन के तहत विभिन्न मदों के अंतर्गत एक लाख रुपये से 2.30 लाख रुपये के दायरे में केंद्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की पूर्व की मंजूरी के मुताबिक, राष्ट्रीय शहरी आवास मिशन में चार घटक हैं. भूमि को संसाधन घटक के तौर पर इस्तेमाल करने वाले निजी डेवलपरों की भागीदारी के साथ झुग्गी बस्तियों की पुनर्विकास योजना के तहत प्रति लाभार्थी औसतन एक लाख रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. राज्यों ,केंद्र शासित प्रदेशों को इस तरह की परियोजनाओ को व्यवहारिक बनाने के लिए इस अनुदान का उपयोग किसी भी बस्ती पुनर्विकास योजना के लिए करने की स्वतंत्रता होगी. दूसरे वर्ग में, ऋण से जुडी सब्सिडी योजना के जरिए आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग और निम्न आय समूह (एलआईजी) लाभार्थियों को प्रत्येक आवास ऋण पर 6.50 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी.
वहीं तीसरे वर्ग में निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की साझीदारी में सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को डेढ लाख रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी.जिससे निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को शामिल कर शहरी गरीबों के लिए आवास को प्रोत्साहन मिल सकेगा. हालांकि इस वर्ग में एक शर्त है कि परियोजनाओं की 35 प्रतिशत आवासीय इकाइयां आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए अलग रखी जाएंगी. चौथे वर्ग में प्रत्येक पात्र शहरी गरीबी लाभार्थी को अपना मकान बनाने या मौजूदा मकानों को दुरस्त करने के लिए डेढ़ – डेढ़ लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी.

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