नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की चिंता कि जो ताकतें लोकतंत्र को कुचल सकती हैं, वे मजबूत हुई हैं और आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो सकती हैं, पर कांग्रेस ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर केंद्रित है जबकि आप का मानना है कि यह मोदी की राजनीति पर पहला अभियोग है. पूर्व उपप्रधानमंत्री की टिप्पणी का विपक्षी दलों ने समर्थन किया और जदयू ने कहा कि इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
केंद्र के साथ विभिन्न मुद्दों पर टकराव की स्थिति का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आडवाणी के आपातकाल की संभावना संबंधी बयान से सहमति जतायी, साथ ही संदेह व्यक्त किया कि क्या दिल्ली में इसका पहला प्रयोग होगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनके राज्य को प्रतिदिन के आधार पर ऐसी स्थिति का सामना करना पड रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वड्डकन ने आडवाणी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि वह मोदी के शासन के दौरान आपातकाल जैसी स्थिति का संकेत दे रहे थे.
उन्होंने कहा, आडवाणीजी मुखर हो गए हैं. उन्हें जो कहना था, उन्होंने कह दिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, यह स्पष्ट है कि वह किसके बारे में बात कर रहे हैं, यहां किसकी सरकार है, कौन प्रधानमंत्री है. वह इसे जानते हैं. लेकिन वह भाजपा में राजनेता का दर्जा रखने वाले नेता हैं.
वह प्रधानमंत्री का नाम नहीं लेना चाहते हैं. लेकिन जिसने भी साक्षात्कार को पढा होगा, वह यह समझेगा कि आडवाणी, मोदी के बारे में बात कर रहे हैं. आडवाणी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता जब यह कहते हैं कि देश की वर्तमान स्थिति आपातकाल की ओर बढने का संकेत देती है, तब वह सही हैं.दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विट किया, आडवाणीजी सही कहते हैं कि आपातकाल को खारिज नहीं किया जा सकता. क्या दिल्ली प्रथम प्रयोग होगा ?
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग एवं केंद्र के बीच शीर्ष अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति तथा दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकार के विषय पर खींचतान की स्थिति बनी हुई है. आप नेता आशुतोष ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता की टिप्पणी मोदी की राजनीति पर अभियोग है.
आशुतोष ने ट्विट किया, आडवाणी का साक्षात्कार मोदी की राजनीति पर पहला अभियोग है. वह कहते हैं कि मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, आपातकाल दूर नहीं है. नीतीश ने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आडवाणी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी चिंता को संजीदगी के साथ लिया जाना चाहिए. जहां आपातकाल जैसी स्थिति का प्रश्न है, हम यहां हर दिन ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं.
नीतीश ने विस्तार से यह नहीं बताया कि बिहार किस प्रकार से आपातकाल जैसी स्थिति का सामना कर रहा है लेकिन उन्होंने इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र की सरकार पर निशाना साधा.
आपातकाल के दौरान आडवाणी के साथ जेल में कैद किये गए जदयू नेता के सी त्यागी ने कहा, मैं आडवाणीजी से सहमत हूं कि आपातकाल जैसी परिस्थितियां और संदर्भ अभी भी बने हुए हैं और आपातकाल की ओर उन्मुख होने के कारण अभी समाप्त नहीं हुए हैं.
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर आडवाणीजी चिंता व्यक्त करते हैं तब सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने ऐसी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा, देश में जो व्यवस्था अभी चल रही है, वह लोकतांत्रिक नहीं है और कहीं न कहीं इससे तानाशाहीपूर्ण व्यवहार झलक रहा है.