सेट परीक्षा के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने 2012 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा और भारतियर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) के परिणामों को चुनौती देने वाली 150 से अधिक याचिकाएं आज खारिज कर दीं.याचिकाकर्ताओं ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में लेक्चरर के पद पर भर्ती के लिए […]
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने 2012 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा और भारतियर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) के परिणामों को चुनौती देने वाली 150 से अधिक याचिकाएं आज खारिज कर दीं.याचिकाकर्ताओं ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में लेक्चरर के पद पर भर्ती के लिए पात्रता के मानदंड में बदलाव के आधार पर घोषित परिणामों को चुनौती दी थी.
न्यायमूर्ति के के शशिधरन ने कहा कि यूजीसी द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा की वैधता एवं औचित्य के बारे में उच्चतम न्यायालय ने पहले ही निर्णय सुना दिया है. न्यायाधीश ने कहा कि ये याचिकाएं यूजीसी और भारतियर विश्वविद्यालय द्वारा पात्रता निर्धारित करने के लिए अपनाई गयी उसी प्रक्रिया को चुनौती देती है जिसके बारे में उच्चतम न्यायालय ने निर्णय सुनाया था कि इस प्रकार की शर्तें लगाने में कुछ भी गलत नहीं है इसलिए इन याचिकाओं को खारिज किया जाता है.
यूजीसी और भारतियर विश्वविद्यालय ने जब विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में लेक्चररशिप के लिए पात्रता और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के परिणामों की घोषणा की थी तो उसी के साथ यूजीसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी कि तीनों परीक्षाओं में न्यूनतम अंक प्राप्त करने के अलावा सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए कुल 65 प्रतिशत, ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 60 प्रतिशत और एससी:एसटी एवं निशक्तों के लिए 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करने आवश्यक होंगे.
याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा आयोजित करने के बाद पात्रता मानदंड बदलने को चुनौती दी थी और यूजीसी एवं भारतियर विश्वविद्यालय को निर्देश जारी किए जाने की मांग की थी कि वे उन्हें पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित करें. न्यायाधीश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही इस मामले का निपटारा कर दिया है और यूजीसी के पात्रता मानदंड को बरकरार रखा है.