आरोपी पर दबाव डालने से शिंदे और आरपीएन का इंकार

नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने 2007 के अजमेर विस्फोट के अभियुक्त भावेश पटेल के आरोपों को आज यह कहते हुए नकार दिया कि वे पटेल को जानते ही नहीं. पटेल का आरोप है कि शिंदे और आरपीएन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2013 6:51 PM

नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने 2007 के अजमेर विस्फोट के अभियुक्त भावेश पटेल के आरोपों को आज यह कहते हुए नकार दिया कि वे पटेल को जानते ही नहीं. पटेल का आरोप है कि शिंदे और आरपीएन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों को इस मामले में फंसाने का दबाव डाला था.

शिंदे से जब पटेल के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं किसी भावेश पटेल को नहीं जानता. मैं उससे कभी नहीं मिला. यदि कोई मेरा नाम लेता है तो मैं क्या कर सकता हूं.’’ एनआईए की अदालत को दी पांच पृष्ठ की याचिका में पटेल ने दावा किया है कि शिंदे, आरपीएन, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ उसकी बैठकें तय की गयीं और ये सभी चाहते थे कि मामले में संघ प्रमुख मोहन भागवत और एक अन्य शीर्ष पदाधिकारी इंद्रेश कुमार का नाम लिया जाए.

आरपीएन ने कहा, ‘‘मैं इससे पूरी तरह इंकार करता हूं. आरोप निराधार हैं. जिस समय की वह (पटेल) बात कर रहा है, उस समय तो मैं गृह राज्य मंत्री भी नहीं था. केवल 11 महीने पहले ही मैंने गृह मंत्रलय में राज्य मंत्री का प्रभार संभाला है.’’

मार्च में गिरफ्तार किये गये पटेल ने आरोप लगाया है कि मुरादाबाद के आचार्य प्रमोद कृष्णन ने दिग्विजय सिंह, शिंदे, जायसवाल और आरपीएन के साथ उसकी बैठकें कराने में मदद की.

पटेल के वकील भूपेन्द्र सिंह चौहान ने यह दावा भी किया कि उनका मुवक्किल यही बयान कल अदालत में देगा. एनआईए के आरोपपत्र के मुताबिक पटेल ने दरगाह के भीतर विस्फोट करने वाले लोगों को कथित रुप से मदद की थी. पटेल ने दावा किया कि दिग्विजय सिंह से उसकी मुलाकात नवंबर 2012 में कृष्णन के आश्रम में हुई थी. कृष्णन ने ही आरपीएन, और जायसवाल से भी बैठकों का इंतजाम कराया. कृष्णन दिल्ली में उसे किसी जगह पर लेकर गया, जहां शिंदे मौजूद थे.

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