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ललित मोदी प्रकरण : क्या इन पांच सवालों से परेशान हैं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे?
नयी दिल्ली/जयपुर : ललित मोदी प्रकरण को लेकर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुरी तरह विवादों में घिरी हैं. आज इस मामले का छह दिन हो गया है और दिन ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जो वसुंधरा की मुश्किलों को बढाने वाले नजर आते हैं. भाजपा नेतृत्व इस मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की […]
नयी दिल्ली/जयपुर : ललित मोदी प्रकरण को लेकर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुरी तरह विवादों में घिरी हैं. आज इस मामले का छह दिन हो गया है और दिन ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जो वसुंधरा की मुश्किलों को बढाने वाले नजर आते हैं. भाजपा नेतृत्व इस मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तरह उनका साथ नहीं दे रहा है. आज वे आनंदपुर साहिब भी नहीं जा रही हैं, जहां उन्हें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ मंच साझा करना था.
अचानक क्यों टल गया वसुंधरा राजे का दौरा?
ललित मोदी प्रकरण को लेकर विवादों में घिरी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसंुधरा राजे आज पंजाब के आनंदपुर साहिब नहीं जायेंगी. आनंदपुर साहिब सिखों का एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जिसकी 350वीं जयंती पर आज होने वाले एक कार्यक्रम में वसुंधरा राजे को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह व केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मंच साझा करना था. सूत्रों ने बताया कि वसुंधरा राजे का पूर्व नियोजित यह कारण अचानक किन्हीं कारणों से रद्द कर दिया गया है. पर, सवाल उठता है कि यह दौरा अचानक क्यों रद्द हो गया.
हालांकि वसुंधरा के इस दौरे को रद्द होने को राजनीतिक प्रेक्षक पूरी तरह से ललित मोदी प्रकरण पर उनके विवादों में घिरे होने से जोड कर देखा जा रहा है. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी उनके खिलाफ सुषमा स्वराज की तरह उदारता नहीं दिखायी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह वसुंधरा पर क्या विचार बनाया?
ललित मोदी-वसुंधरा राजे प्रकरण पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अकेले में गुफ्तगू की थी और पूरे मामले के विभिन्न पक्षों पर गहन विचार मंथन किया था.
वसुंधरा राजे पर आरोप लगे हैं कि वे ललित मोदी के दस्तावेजों के लिए गवाह बनीं और उनके बेटे व सांसद दुष्यंत सिंह की कंपनी में मोदी ने 11 करोड रुपये लगाये हैं. यह भी कहा जा रहा है कि ललित मोदी ने 10 रुपये की दर से 96 हजार रुपये के शेयर भी वसुंधरा के बेटे की कंपनी में खरीदे हैं. इस पूरे विषय को लेकर वसुंधरा राजे पर नरेंद्र मोदी व राजनाथ सिंह ने क्या मन बनाया है यह भी एक अनसुलझा सवाल है.
वसुंधरा राजे के प्रेस सलाहकार को क्यों देनी पडी सफाई?
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नाराज होने और वसुंधरा को मिलने का समय नहीं देने की खबरें बुधवार को मीडिया में प्रमुखता से चलीं. हालांकि इस दिन वसुंधरा राजे ने फोन पर शाह से बात की थी. पर, इसके एक दिन बाद वसुंधरा के प्रेस सलाहकार को इसका खंडन करने की क्या जरूरत पडी कि वसुंधरा ने या उनके समर्थक विधायकों ने अमित शाह से समय नहीं मांगा है.
सुषमा स्वराज की तरह तवज्जो क्यों नहीं?
सुषमा स्वराज की जडें भाजपा में राष्ट्रीय स्तर पर कहीं अधिक गहरी हैं. जबकि वसुंधरा एक क्षत्रप हैं और नि:संदेह उन्होंने राजस्थान भाजपा पर जिस तरह अपनी पकड बनायी है, वह मौजूदा दौर में भाजपा की किसी प्रदेश इकाई में नहीं दिखती है. पर, वसुंधरा राजे को भाजपा सुषमा स्वराज के जैसा तवज्जो नहीं दे रही है. संकट की घडी में भाजपा नेतृत्व ने अपने दो कद्दावर नेताओं गृहमंत्री राजनाथ सिंह व वित्तमंत्री अरुण जेटली को सुषमा से मिलने भेजा. दोनों ने उनसे एक घंटे बात भी की, लेकिन वसुंधरा के पास हाइकमान का दूत बन कर दूसरी पांत का भी कोई नेता अब तक क्यों नहीं पहुंचा है.
क्या सरकार करायेगी उनके ललित मोदी व वसुंधरा राजे के संबंधों की जांच?
ललित मोदी व वसुंधरा राजे के सांसद बेटे दुष्यंत सिंह के बीच कारोबारी रिश्ते हैं. कल ही केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौडा ने बयान दिया कि वसुंधरा राजे से जुडे सभी पहलू की पडताल की जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी भी इस मुद्दे पर विचार करेगी और इसके आधार पर फैसला भी लिया जायेगा. कहा तो यह जा रहा है कि गृह मंत्रालय व वित्त मंत्रालय भी इस मामले में हरकत में आने की तैयारी में है, तो क्या सामान्य राजनीतिक चलन से हट कर अपने अपनी ही सरकार की जांच की आंच में तपेंगी.
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