तिवारी ने रोहित को जैविक संतान मानने से किया इंकार

नयी दिल्ली: डीएनए जांच रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के एक युवक का जैविक पिता होने की बात स्थापित होने के तकरीबन एक साल बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस बात का खंडन किया है कि ‘ ‘ उनका युवक की मां से किसी तरह का संबंध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2013 10:58 PM

नयी दिल्ली: डीएनए जांच रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के एक युवक का जैविक पिता होने की बात स्थापित होने के तकरीबन एक साल बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस बात का खंडन किया है कि ‘ ‘ उनका युवक की मां से किसी तरह का संबंध था’ ‘ और पितृत्व को लेकर दायर किया गया मुकदमा उनके विरोधियों की एक ‘ राजनैतिक साजिश’ है.

अदालत की ओर से नियुक्त स्थानीय आयुक्त के समक्ष हलफनामे के माध्यम से अपना सबूत दायर करते हुए तिवारी ने कहा, ‘ ‘ मेरा प्रतिवादी संख्या 2 :उज्ज्वला शर्मा: से किसी तरह का खास तौर पर शारीरिक, भावनात्मक या यौन संबंध नहीं रहा है.’ ‘ उन्होंने कहा, ‘ ‘ ऐसा लगता है कि समूचा मुकदमा मेरे राजनैतिक विरोधियों की ओर से रची गई गहरी साजिश का हिस्सा है ताकि राजनैतिक हिसाब-किताब बराबर कर सकें.’ ‘ रोहित शेखर(32)की ओर से 2008 में दायर मुकदमे में उन्होंने दावा किया कि तिवारी उनके जैविक पिता हैं. उच्च न्यायालय ने डीएनए जांच के लिए आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तिवारी को रक्त का नमूना देने का निर्देश दिया था.

तिवारी ने मामले में शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 29 मई 2012 को देहरादून में अपने आवास पर डीएनए जांच के लिए रक्त का नमूना दिया था. इससे पहले विभिन्न आधारों का सहारा लेकर उन्होंने जांच से बचने की कोशिश की थी.

तिवारी ने डीएनए जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, ‘ ‘ डीएनए जांच रिपोर्ट की सत्यापित प्रति को महज रिकार्ड में रखना पर्याप्त नहीं है. यहां तक कि जांच कराने में उसकी आवश्यकताएं पूरी नहीं गईं. इसलिए, मैं उसे खारिज करता हूं.’ ‘

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