नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने आज कहा कि भ्रष्टाचार रोधी शाखा अपने अतिरिक्त आयुक्त या सतर्कता विभाग के निदेशक या सचिव की सहमति पर ही शिकायत दर्ज कर सकती है. इस कदम को उप राज्यपाल द्वारा नियुक्त इसके प्रमुख मुकेश कुमार मीणा को दरकिनार करने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है. आप सरकार ने आज एक परिपत्र में कहा कि जाल बिछाकर फंसाये गये मामलों में, रिश्वत का सामना कर रहे लोगों के खिलाफ मामले एसीबी द्वारा अतिरिक्त आयुक्त की मंजूरी से दर्ज किये जाएंगे.
अतिरिक्त आयुक्त फिलहाल एसएस यादव हैं. परिपत्र में कहा गया है कि भ्रष्टाचार रोधी संस्था भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियिम के तहत लोक सेवक के खिलाफ कोई प्रथमिकी दर्ज करने से पहले सभी अन्य मामलों में सतर्कता विभाग के निदेशक या सचिव से पूर्व अनुमति लेगी.
दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रहे तकरार के बीच सरकार ने यह कदम उठाया है. जंग ने हाल ही में संयुक्त आयुक्त मीणा को नया एसीबी प्रमुख नियुक्त किया था पर आप सरकार ने नियुक्ति को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार रोधी संगठन का नेतृत्व परंपरागत रुप से अतिरिक्त आयुक्त ने किया है.
सरकार के परिपत्र को मीणा को मुख्य मंत्री के सचिव राजेन्द्र कुमार के खिलाफ कोई मामला दर्ज करने से रोकने के तौर पर भी देखा जा सकता है. कुमार के खिलाफ दिल्ली डॉयलॉग कमीशन के पूर्व सदस्य आशीष जोशी ने हाल ही में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे.