अतंरराष्ट्रीय योग दिवस खूब रहा विवादों में
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधन में योग के महत्व को समझाते हुए. योग दिवस मनाने की अपील की. संयुक्त राष्ट्र ने भी योग दिवस पर तुरंत सहमति जतायी और इसे पास कर दिया. भारत में योग दिवस की तैयारी जोरों पर है कल यानि 21 जून को भारत के […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 20, 2015 11:04 AM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधन में योग के महत्व को समझाते हुए. योग दिवस मनाने की अपील की. संयुक्त राष्ट्र ने भी योग दिवस पर तुरंत सहमति जतायी और इसे पास कर दिया. भारत में योग दिवस की तैयारी जोरों पर है कल यानि 21 जून को भारत के साथ- साथ कई अन्य देश भी योग दिवस मनाये जायेंगे.
विश्व योग के महत्व को समझ रहा है. योग दिवस के माध्यम से इसी महत्व को और प्रचारित प्रसारित करने का उद्देश्य है. मन और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करने वाला योग अब दिवस के रूप में मनाया जा रहा है तो अलग- अलग देश, समुदाय, वर्ण और जाति के इसे लेकर अपने विचार भी दे रहे हैं. कहीं योग दिवस का विरोध हो रहा है, तो कहीं इसके समर्थन में विशाल आयोजन की तैयारी हो रही है तो आइये समझते हैं आखिर क्यों हो रहा है इसका विरोध.
योग और हिंदू धर्म
कुछ मुस्मिल और ईसाई संगठन योग का विरोध कर रहे हैं. मुस्लिम संगठनों का कहना है हमें सिर्फ अल्लाह के इबादत की इजाजत है योग में सूर्य नमस्कार जैसे आसन है जिससे इन संगठनों को आपत्ति है. हालांकि इन संगठनों के विरोध को देखते हुए योग दिवस के दिन सूर्य नमस्कार को हटा दिया गया लेकिन इसके बावजूद भी अभी कुछ संगठनों का विरोध जारी है. दूसरी तरफ ईसाई समुदाय को योग दिवस के दिन पर आपत्ति है. उनका कहना है रविवार को ईसाई समुदाय चर्च जाता है ऐसे में रविवार के दिन योग का आयोजन करके उनके धार्मिक आयोजन पर नुकसान करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि सरकार इन दोनों विवादों पर अपनी सफाई पेश कर चुकी है. सरकार ने सफाई दी कि योग दिवस के दिन किसी के शामिल होना अनिवार्य नहीं है जिसे इच्छा है वो शामिल हो सकता है. योग को किसी धर्म से जोड़कर देखना ठीक नहीं है. भारतीय संस्कृति में योग की चर्चा है और सभी धर्मों में इसका समान महत्व है. यह सबके लिए लाभकारी है.
योग का राजनीतिकरण
अतंरराष्ट्रीय योग दिवस पर विपक्ष राजनीतिकरण का आरोप लगा रहा है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए इस तरह का आयोजन कर रही है. योग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब बयानबाजी हुई. योगी आदित्यनाथ ने सूर्य नमस्कार ना करने वालों को देश छोड़ने की सलाह दी तो शंकराचार्य ने कहा कि योग मांसाहारी और रात भर जागने वालों के लिए नहीं है. कुल मिलाकर योग को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई.
आतंकियों की भी योग पर नजर
योग दिवस के दिन दिल्ली में अलर्ट जारी किया गया है. कुछ दिनों पहले से ही पतंगबाजी और बैलूनको हवा में छोड़ने पर पाबंदी लगी है. दूसरी तरफ आतंकियों ने पाकिस्तान में होने वाले योग दिवस समारोह को भी चेतावनी दी जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने ऑर्ट ऑफ लिविंग को योग दिवस आयोजन ना करने की सलाह दी. इसके ऑर्ट ऑफ लिविंग ने भी योग दिवस के आयोजन से अपने हाथ पीछे खींच लिए.