नयी दिल्ली: भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया है. इस विज्ञापन में दिल्ली सरकार ने बिजली के दाम कम करने और भ्रष्टाचार कम करने को लेकर अपनी पीठ थपथपायी है. इस विज्ञापन को देखकर कांग्रेस और भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने इसे महिला विरोधी विज्ञापन करार दिया है तो भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कहा है कि इस विज्ञापन में महिला को जिस तरह एक फ्रेम वर्क में दिखाया गया है ठीक नहीं है. दोनों पार्टियों को विज्ञापन में बार- बार अरविंद केजरीवाल की तारीफ दिखाने पर भी आपत्ति है.
इस विज्ञापन पर विवाद का एक बड़ा कारण यह भी है कि हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापन पर मुख्यमंत्री और नेताओं की तस्वीर छापने पर रोक लगायी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था सरकारी खर्च पर किसी व्यक्ति का महिमामंडन नहीं होना चाहिए. सरकारी विज्ञापन का काम लोगों तक जानकारी पहुंचाना है ताकि योजनाओं और सरकारी काम का लाभ आम लोगों को मिल सके.
दिल्ली सरकार के इस विज्ञापन में बार- बार अरविंद केजरीवाल का नाम लिया गया है भले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस विज्ञापन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर की उपस्थिति ना हो लेकिन बार- बार उनके नाम की चर्चा होने से कांग्रेस और भाजपा दोनों इसका विरोध कर रहे है. इस विज्ञापन में टीवी चैनल पर भी निशाना साधा गया है जिसमें दिखाया है कि टीवी डिबेट पर चर्चा हो रही है और महिला नाराज होते हुए कहती है कि मेरे अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सारे भ्रष्टाचारी एक हो गये है. सरकार ने कम वक्त में दिल्ली में भ्रष्टाचार कम कर दिया है बिजली के दाम कम कर दिए अब घर का खर्च चलाने में आसानी होती है.