बोकारो की अरुंधति एसबीआइ चेयरमैन!
* संत जेवियर्स बोकारो से की थी प्लस टू की पढ़ाई * सेक्टर वन सी में रहती थी * बीएसएल में काम करते थे पिता बोकारो/ नयी दिल्ली :बोकारो की अरुंधति भट्टाचार्य देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की चेयरमैन होंगी. वित्तमंत्रालयने उनके नाम की मंजूरी दे दी है. अब कैबिनेट की नियुक्ति […]
* संत जेवियर्स बोकारो से की थी प्लस टू की पढ़ाई
* सेक्टर वन सी में रहती थी
* बीएसएल में काम करते थे पिता
बोकारो/ नयी दिल्ली :बोकारो की अरुंधति भट्टाचार्य देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की चेयरमैन होंगी. वित्तमंत्रालयने उनके नाम की मंजूरी दे दी है. अब कैबिनेट की नियुक्ति समिति, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, की मंजूरी बाकी है. अरुंधति भट्टाचार्य अभी एसबीआइ की प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी हैं. एसबीआइ के मौजूदा चेयरमैन प्रतीप चौधरी सितंबर अंत तक सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा नये चेयरमैन की घोषणा की जानी है.
पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव
अरुंधतिभट्टाचार्या को एसबीआइ की पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव मिलेगा. उन्होंने 1977 में एसबीआइ में योगदान दिया. सीजीएम, बंगलुरु से शुरुआत करनेवाली अरुंधती लखनऊ समेत कई सर्कल में काम कर चुकी हैं. अरुंधती ने अपनी स्कूलिंग बोकारो से ही की. उन्होंने संत जेवियर से प्लस टू किया.
फिर ग्रेजुएशन के लिए कोलकाता चली गयीं और लेडी ब्रोबॉन से अंगरेजी में ऑनर्स किया. पिता बीएसएल में अधिकारी थे. अपने परिवार के साथ अरुंधती सेक्टर वन सी में संत जेवियर के पास ही रहती थीं. पिता ने रिटायरमेंट के बाद बोकारो छोड़ दिया, पर अरुंधती के कई रिश्तेदार आज भी बोकारो में रह रहे हैं. वह अक्सर बोकारो आया करती हैं.
21 को हुआ था इंटरव्यू : नये चेयरमैन के लिए एसबीआइ के चारों प्रबंध निदेशकों को 21 सितंबर को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. ए कृष्ण कुमार, एस विश्वनाथन, अरुंधती भट्टाचार्या और हेमंत जी कॉन्ट्रेक्टर का इंटरव्यू हुआ था. साक्षात्कार करनेवाली टीम में वित्त सेवा के सचिव राजीव ठकरु और आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर आनंद सिन्हा भी शामिल थे. इंटरव्यू के बाद दो अरुंधती भट्टाचार्या और हेमंत जी कॉन्ट्रेक्टर के नाम शॉर्टलिस्ट कर वित्त मंत्रालय को भेजे गये थे. एसबीआइ की नियमावली के अनुसार चेयरमैन की कुरसी के लिए जरूरी है कि दो साल एसबीआइ में नौकरी बची होनी चाहिए. अरुंधती भट्टाचार्य इस शर्त को पूरा कर रही हैं.