नयी दिल्ली: सरकार ने आज भाजपा पर आरोप लगाया कि वह यह मांग करके जम्मू में हुए आंतकी हमलों का ‘‘राजनीतिकरण’’ कर रही है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से बातचीत नहीं करनी चाहिए. उसने कहा कि विपक्षी दल ने भी सत्ता में रहने के दौरान कारगिल युद्ध के बाद तत्कालीन पाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को आमंत्रित किया था.शरीफ के साथ हुई बातचीत के प्रधानमंत्री के निर्णय का बचाव करते हुए गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि भारत द्विपक्षीय बैठक के दौरान आतंक के मुद्दे को मजबूत तरीके से उठायेगा.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा को संप्रग सरकार की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. वे जब सत्ता में थे उन्होंने कारगिल युद्ध की साजिश रचने वाले मुशर्रफ को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था. भाजपा को यह बात नहीं भूलनी चाहिए.’’सरकार की यह टिप्पणी भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा सरकार पर ‘‘रीढ़विहीन’’ कूटनीति अपनाये जाने का आरोप लगाने के मद्देनजर आयी है. सिंह ने जम्मू क्षेत्र में हुए दोहरे आतंकी हमलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री से रविवार को न्यूयार्क में उनके पाकिस्तानी समक्षक नवाज शरीफ के साथ होने वाली उनकी बैठक को रद्द करने की मांग की है.
आर पी एन सिंह ने कहा कि चंद लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते कि भारत एवं पाकिस्तान के संबंध सामान्य हों और जब भी शांति पहल की जाती है, उसे निष्फल करने के प्रयास शुरु हो जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब भारत एवं पाकिस्तान के बीच शांति की पहल होती है तो वार्ता को निष्फल करने के प्रयास होते हैं. आज का आतंकी हमला वही है. लेकिन हम उनके समक्ष नहीं झुकेंगे.’’